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आसान नहीं होगी खंडवा से ज्ञानेश्वर पाटिल की राह, मोदी मैजिक के बावजूद करना पड़ेगी कड़ी मेहनत

Khandwa Lok Sabha Seat Profile: लोकसभा चुनाव को लेकर मध्य प्रदेश में बीजेपी ने 24 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है. खंडवा लोकसभा सीट से बीजेपी ने एक बार फिर ज्ञानेश्वर पाटिल पर भरोसा जताते हुए टिकट दिया है.

Khandwa Lok Sabha Seat Profile
खंडवा लोकसभा सीट प्रोफाइल

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 4, 2024, 3:11 PM IST

Updated : Mar 5, 2024, 4:47 PM IST

खंडवा। लोकसभा चुनाव में खंडवा से भाजपा ने फिर ज्ञानेश्वर पाटिल को मैदान में उतारा है. उपचुनाव में ढाई साल पहले भी ज्ञानेश्वर पाटिल को टिकट दिया था. लंबा और बड़ा क्षेत्र होने के कारण वे ढाई साल केवल दौरे ही करते रहे. अब तक सासंद के तौर पर उनकी कोई बड़ी उपलब्धि नहीं है. बावजूद इसके इस बार भाजपा का पलड़ा भारी दिख रहा है. संगठन का उन पर दोबारा भरोसा जताने से उनके अधूरे पड़े काम अगर वो जीते तो पूरे कर सकते हैं. इधर कांग्रेस अभी उम्मीदवार के लिए दावेदारों पर विचार ही कर रही है. वहीं भाजपा ने प्रदेश के 29 में से 24 उम्मीदवार मैदान में उतार दिए हैं.

बीजेपी प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल

मोदी मैजिक के बावजूद करना पड़ेगी कड़ी मेहनत

ज्ञानेश्वर पाटिल के बारे में लोगों की धारणा सामान्य व निर्विवादित व्यक्तित्व की है. संभवतः भाजपा प्रमुखों ने इसीलिए भी उनके नाम की घोषणा की है कि उपचुनाव में उन्हें क्षेत्र का विकास करने का पूरा मौका नहीं मिला. इस बार उन्हें पूरे पांच साल दिए जा सकेंगे. इसके लिए ज्ञानेश्वर पाटिल को कठिन परीक्षा के दौर से गुजरना पड़ेगा. बता दें कि भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और खंडवा से सांसद रहे नंद कुमार सिंह चौहान के निधन के बाद लोकसभा उपचुनाव में ज्ञानेश्वर पाटिल को मैदान में उतारा गया था. उनके सामने कांग्रेस ने राजनारायण सिंह को टिकट दिया था. इस चुनाव में ज्ञानेश्वर पाटिल 50 हजार के लगभग वोटों से चुनाव में विजयी हुए थे. इस बार भाजपा को खंडवा सीट पर कड़ी मेहनत और मैनेजमेंट करना होगा. इतना ही नहीं उन्हें अपने ही पार्टी के प्रतिद्वंद्वियों से भी निपटने की चुनौती रहेगी.

खंडवा सीट की रोचक जानकारी

ये हैं ज्ञानेश्वर पाटिल

ज्ञानेश्वर पाटिल हालांकि खंडवा बुरहानपुर में 25 साल से सक्रिय व बड़े पदों पर रहे हैं. वे खंडवा से सांसद के अलावा जिला पंचायत के अध्यक्ष, बुरहानपुर के पावरलूम संस्थाओं के प्रदेश स्तर के पदाधिकारी व उनकी पत्नी बुरहानपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष रही हैं. बुरहानपुर से बागली तक उनकी राजनीतिक पकड़ मजबूत रही है.

खंडवा लोकसभा सीट 2019 के परिणाम

यह भी ध्यान में रहे

बड़ी बात यह भी होगी कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा से स्व नंदकुमार सिंह चौहान लगभग ढाई लाख वोटों से कांग्रेस प्रत्याशी को मात देकर जीते थे, लेकिन उपचुनाव में कांग्रेस ने कड़ा मुकाबला देते हुए जीत का अंतर काफी कम कर दिया था. उपचुनाव में कांग्रेस से राजनारायण सिंह व भाजपा से ज्ञानेश्वर पाटिल चुनाव लड़े थे. प्रत्याशियों के रूप में दोनों दमदार थे, लेकिन जीत मोदी फैक्टर की हुई थी. आंकड़ों का इतिहास देखा जाए तो बीजेपी के समर्थक वोटर अधिक हैं. लेकिन 2009 में बीजेपी से कांग्रेस ने बाजी मार ली थी. तब कांग्रेस नेता और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रहे अरुण यादव ने जीत हासिल की थी. उसका सबसे बड़ा कारण भाजपा का भितरघात रहा था. इस बार भी अगर कांग्रेस किसी बड़े चेहरे को टिकट देती है तो मुकाबला दिलचस्प हो सकता है.

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उपचुनाव में कांग्रेस ने दी थी टक्कर

साल 2021 में 63.88 प्रतिशत मतदान हुआ था. ज्ञानेश्वर पाटिल खंडवा के नए सांसद तो बने, लेकिन पौने दो लाख लीड भी घटी थी. उस वक्त भाजपा के ज्ञानेश्वर पाटिल को 6 लाख 14 हजार 844 वोट मिले थे. कांग्रेस के राजनारायण सिंह को 5 लाख 40 हजार 086 वोट प्राप्त हुए थे. कुल मिलाकर लगभग 78 हजार 695 वोटों से भाजपा के ज्ञानेश्वर पाटिल विजयी हुए थे.

Last Updated : Mar 5, 2024, 4:47 PM IST

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