बस्तर: छत्तीसगढ़ के बस्तर ने पूरे देश की निगाहों को अपनी ओर खींचा है. यहां अक्टूबर से दिसंबर तक बस्तर ओलंपिक का शोर सुनाई दिया. इस शोर से नक्सलवाद को तमाचा लगा है और बस्तर ने अपने मिजाज और रफ्तार को देश के सामने एक बार फिर प्रस्तुत किया है. बस्तर के सातों जिलों से एक स्वर में करसाय ता बस्तर बरसाए ता बस्तर नारा शुरू हुआ. अब यह पूरे देश में गूंज रहा है. नक्सलगढ़ से निकले इस नारे ने खेल के मैदान से बस्तर संभाग के समाज के में भी एक नया संदेश दिया है.
खेलेगा बस्तर, जीतेगा बस्तर: करसाय ता बस्तर बरसाए ता बस्तर नारे का हिंदी में शाब्दिक अर्थ होता है खेलेगा बस्तर और जीतेगा बस्तर. बस्तर करीब चार दशकों से भी ज्यादा समय से नक्सलवाद का दंश झेल रहा है. पहली बार बस्तर में किसी सरकार ने वहां की जनता, सरेंडर नक्सलियों और नक्सल पीड़ितों को लेकर एक बड़ा आयोजन किया. यह आयोजन सफल भी रहा. करीब डेढ़ लाख से ज्यादा लोगों ने खिलाड़ी के तौर पर इसमें शिरकत की. नक्सलवाद और खून खराबे को दूर छोड़ आए सरेंडर नक्सलियों ने पहली बार खेल के महत्व को समझा. बस्तर ओलंपिक के सूत्रधार माने जाने वाले सीएम साय और गृह मंत्री विजय शर्मा की नीति कारगर साबित हुई. यही वजह है कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस आयोजन की सराहना की. उन्होंने करसाय ता बस्तर बरसाए ता बस्तर नारे का उपयोग मन की बात में किया.
बस्तर ओलंपिक का सपना साकार हुआ. माओवादी हिंसा का गवाह रहे बस्तर में अब खेलकूद का आयोजन हुआ. बस्तर ओलंपिक के शुभंकर जंगली भैंसा और पहाड़ी मैना से बस्तर की समृद्धि का संदेश निकला. इस खेल महाकुंभ का मूल मंत्र है 'करसे ता बस्तर बरसाए ता बस्तर अर्थात बस्तर खेलेगा और बस्तर जीतेगा. इस आयोजन में 1,65,000 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया. यह केवल आंकड़ा नहीं है. यह हमारे युवाओं के संकल्प की गौरवशाली कहानी है - नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
अमित शाह ने भी दोहराया खेलेगा बस्तर, जीतेगा बस्तर: 15 दिसंबर को बस्तर ओलंपिक का समापन जगदलपुर में किया गया. यहां पूरे बस्तर संभाग से खिलाड़ी जुटे. खिलाड़ियों ने अपने दम से मेडल और कप की झड़ी लगा दी. इनमें कई खिलाड़ी बस्तर के आम नागरिक, सरेंडर कर चुके नक्सली और नक्सल हिंसा से प्रभावित लोग थे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बस्तर ओलंपिक के समापन समारोह में शामिल होने को यादगार बताया. उन्होंने कहा कि मेरी इच्छा है कि आने वाले ओलंपिक में बस्तर का खिलाड़ी भी मेडल जीते.
करसाय ता बस्तर बरसाए ता बस्तर की धूम: पीएम मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खेलेगा बस्तर और जीतेगा बस्तर नारे को बुलंद किया. पीएम मोदी ने मन की बात में इसका उल्लेख किया तो छत्तीसगढ़ के राजनेताओं ने भी सोशल मीडिया पर इस नारे की झड़ी लगा दी. सीएम, डिप्टी सीएम और मंत्रियों की तरफ से सोशल मीडिया पर करसाय ता बस्तर बरसाए ता बस्तर लिखकर बस्तर के बदलाव को बयां करना शुरू कर दिया है. साल 2024 में बस्तर जहां नक्सल मोर्चे पर कामयाबी के लिए जाना जाएगा. वहीं साल 2024 बस्तर ओलंपिक के सफल आयोजन के लिए भी याद किया जाएगा.