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करनाल का रैन बसेरा बना शराबियों का अड्डा, महिलाओं के लिए नहीं है यहां जगह - KARNALS NIGHT SHELTER WOMEN UNSAFE

करनाल के रैन बसेरों में 10 में 7 लोग शराबी हैं, जो वहां रह रहे हैं. यहां महिलाओं के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा.

Karnals night shelter
करनाल रैन बसेरा (ETV Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 27, 2024, 4:54 PM IST

करनाल: करनाल नगर निगम में बेघर महिलाओं के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. यहां महिलाओं के लिए रैन बसेरों में जगह ही नहीं है. दरअसल, निगम की ओर से शहर में आठ रैन बसेरे संचालित हैं. इन रैन बसेरों में शराबियों का जमावड़ा लगा है. यही कारण है कि कड़ाके की ठंड में रात के समय इन महिलाओं को परेशानी हो रही है. निगम की ओर से संचालित इन आठ रैन बसेरों में से छह केएमसी की ओर से और दो श्रम विभाग की ओर से संचालित है. इन सभी आश्रयों में से एक स्थायी है, जबकि सात अस्थायी है.

ये हैं जिले के रैन बसेरे: इनमें प्रेम नगर में कैथल रोड रेलवे फ्लाईओवर के पास स्थित स्थायी रैन बसेरा एक है. यहां 80 व्यक्तियों की क्षमता वाला दो मंजिला है. अन्य रैन बसेरों में रेलवे स्टेशन के पास, कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के आपातकालीन गेट पर, पुराने बस अड्डे के टैक्सी स्टैंड के पीछे, सेक्टर 12 में यूएचबीवीएन कार्यालय के पास और मेरठ रोड चौक पर स्थित रैन बसेरा स्थित है.

इन रैन बसेरों में महिलाएं असुरक्षित: जब देर रात इन रैन बसेरों का जायजा लिया गया तो यहां हर तरह की मौलिक सुविधाएं उपलब्ध थी. यहां गद्दे, कंबल, हीटर, पीने का पानी, शौचालय और बिजली की उचित व्यवस्था देखी गई. इन बसेरों में नागरिकों और बेघर लोगों को सूचित करने के लिए निगम की ओर से बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, बाजार और प्रमुख चौराहों जैसे प्रमुख स्थानों पर फ्लेक्स बोर्ड लगाए गए हैं. फ्लाईओवर के नीचे जैसे खुले क्षेत्रों में सो रहे लोगों को पास के आश्रयों तक पहुंचाने के लिए एक टीम का गठन किया गया है. लेकिन यहां महिलाएं सुरक्षित नहीं है.

करनाल के रैन बसेरा बना शराबियों का अड्डा (ETV Bharat)

बुजुर्ग महिला ने बिलखते हुए मांगी मदद: यहां जिन बेघर बुजुर्ग महिलाओं के पास कोई भी आई डी नहीं है, उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है. यहां बेघर महिलाएं सर्द रातों में खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं. यहां रह रही एक बुजुर्ग महिला ने बिलखते हुए आईडी बनवाने और रैन बसेरे में आश्रय देने के लिए गुहार लगाई है. वहीं, जब इस बारे में डीएमसी धीरज से बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि शराबियों को यहां छोड़ना मजबूरी है. सर्दी में अगर वो बाहर रहेंगे तो उनकी जान को खतरा हो सकता है. हालांकि महिलाओं की सुरक्षा पर कुछ भी नहीं कहा.

काम नहीं कर रहा यहां का कैमरा: इसके अलावा प्रेमनगर स्थित स्थाई रैन बसेरा में सुरक्षा को देखते हुए कैमरे तो लगाए गए हैं, लेकिन वो नाम के ही हैं. उसकी रिकॉर्डिंग वर्किंग में नहीं है. रैन बसेरे का संचालन कर रहे कर्मी सुरेंद्र से बातचीत करने पर उन्होंने कहा कि कैमरों की रिकॉर्डिंग नहीं है. ऐसे में कोई अप्रिय घटना घट जाए तो पता नहीं. नियम तो यह कहता है कि रैन बसेरों में शराब का सेवन करना या करके आना वर्जित है, लेकिन खुद अधिकारी ही शराबियों को रहने के लिए यहां छोड़ जाते हैं. अधिकारियों की मानें तो वो रैन बसेरों में लोगों को सुरक्षा के लिए रख रहे हैं. वहीं दूसरी ओर महिलाओं की सुरक्षा यहां ताक पर है.

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