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चंद मिनट में ही दूर हो जाती है लंबी कांवर यात्रा की थकान, कांवरियों की मस्ती का स्पॉट है गोडियारी नदी - Shravani Mela 2024

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jul 29, 2024, 8:11 AM IST

Goriyari Nadi In Banka: श्रावणी मेला 2024 की शुरुआत हो चुकी है. कांवरिया पथ पर शिव भक्त झूमते-गाते नजर आ रहे हैं. वहीं, बांका स्थित गोडियारी नदी इन दिनों कांवरियों की मस्ती का स्पॉट बनी हुई है. माना जाता है कि यहां रुककर अगर कांवरिया थोड़ी देर भी आराम कर ले तो उसकी पूरी थकान दूर हो जाती है.

Shravani Mela 2024
श्रावणी मेला (ETV Bharat)

कांवरियों की पहली पसंद गोडियारी नदी घाट (ETV Bharat)

बांका:22 जुलाई से श्रावणी मेले की शुरुआत होने के साथ ही सम्पूर्ण कांवरिया पथ एक बार फिर केसरिया रंग से पट गया है. कांवर यात्रा के दौरान गोडियारी नदी का इंतजार सभी कांवरियों को रहता है. गोडियारी नदी एक मनोरंजन स्थल से कम नहीं दिखता. वहीं समय के साथ इस नदी की सूरत जरूर बदल गई है लेकिन आज भी कांवरिया यहां रूककर अपनी थकान मिटाना नहीं भूलते. गोडियारी नदी में थकान मिटाते कांवरिये सुल्तानगंज से उत्तरवाहिनी गंगा का जल भरकर कांवरिया पर 100 किलोमीटर से अधिक की दूरी तय करके बाबाधाम देवघर तक पहुंचते हैं.

सुल्तानगंज से 85 किमी दूर गोडियारी नदी: यह लंबी यात्रा कोई कांवरिया एक या दो दिन तो कोई इससे अधिक समय में तय करता है. वहीं करीब 85 किलोमीटर की दूरी तय करने के बाद वो बांका जिला के चांदन प्रखंड के गौरीपुर और कोरिया पंचायत की सीमा अंतर्गत बहने वाली गोडियारी नदी तक पहुंचते हैं. गोडियारी नदी पहुंचकर कांवरिये अपनी थकान मिटाना नहीं भूलते हैं.

बांका स्थित गोडियारी नदी (ETV Bharat)

पहले से कितनी बदली सूरत?: एक दौर था जब गोडियारी नदी पर पुल नहीं बना था. कांवरियों को पानी में उतरकर नदी पार करके ही जाना पड़ता था. नदी में रेत की मात्रा काफी अधिक रहती थी. 80 से 85 किलोमीटर की दूरी तय करके जब कांवरिया यहां पहुंचते थे तो नदी किनारे और कम पानी के अंदर बैठकर आराम करने से नहीं चूकते थे. जिससे कभी-कभी कुछ अनहोनी भी हो जाती थी. बाद में लालू यादव के मुख्यमंत्री बनने पर उस नदी पर एक पुल बना दिया गया. नदी में पानी के बीच फाइबर की कुर्सी पर खाना,नाश्ता, छोला और भुट्टा खाने का मजा कुछ और ही मिलता है.

कांवरियों की मस्ती का स्पॉट है ये जगह: गोडियारी नदी में पुल बनने के बावजूद कांवरिया अधिकतर नदियों के पानी से ही अपनी यात्रा करते हैं. नदी के बीच में बने छोटे-छोटे दुकानों में बैठकर नाश्ता और खाना के साथ-साथ पकाया हुआ भुट्टा खाने का इस नदी में अलग ही मजा है. वहीं हर तरह की फोटोग्राफी भी इस नदी में लोगों को भरपूर आनंद देता है. कोई नदियों में पानी के बीच अठखेलिया करता है, तो कोई घोड़े पर चढ़कर, कोई बाबा भोलेनाथ की पूजा करते हुए, तो कोई बाबा भोलेनाथ को कंधे पर लेकर फोटोग्राफी का मजा लेते हैं.

गोडियारी नदी घाट पर कांवरियों की भीड़ (ETV Bharat)

"मैं तो पहले भी बाबा धाम गया हूं. जब भी कांवर लेकर जाता हूं तो इस जगह पर जरूर रुकता हूं. जल लेकर गोडियारी नदी तक मिलने वाला हर थकान यहां दूर हो जाता है. इससे कांवरिये नई ऊर्जा के साथ-साथ दोगुने उत्साह से बाबाधाम तक की यात्रा पूरी कर लेते हैं. बहुत मनोरम जगह है गोडियारी नदी."- कांवरिया

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