देवघर : बाबा बैद्यनाथ की नगरी में 22 जुलाई से लगने वाले विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेले की तैयारी प्रशासन ने शुरू कर दी है, लेकिन प्रशासन की यह तैयारी फिलहाल कांवरिया पथ पर नजर नहीं आ रही है. यह हम नहीं कह रहे बल्कि सावन से पहले बाबा धाम पहुंच रहे कांवरिया कह रहे हैं. सावन शुरू होने से पहले ही कई कांवरिया बाबा धाम पहुंच रहे हैं, जिन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. जिस पथ से कांवरिया बाबा के मंदिर पहुंच रहे वह कांवरियां पथ कम कीचड़ पथ ज्यादा लग रहा है.
दरअसल, सावन मेले में अधिकतर श्रद्धालु सुल्तानगंज के गंगा घाट से जल भरकर देवघर पहुंचते हैं और फिर देवघर में जलाभिषेक कर भगवान भोलेनाथ की पूजा करते हैं. सुल्तानगंज से जल भरकर आने वाले कांवरियों के लिए बनाए गए खिजुरिया पथ की हालत ऐसी है कि इस पथ पर इंसानों के साथ-साथ जानवरों का चलना भी मुश्किल हो गया है. सावन शुरू होने के बाद लाखों की संख्या में कांवरिया इसी पथ से आएंगे लेकिन अभी तक इस पथ पर कीचड़ है.
इस पथ से आने वाले कांवरियों ने बताया कि करीब 5 से 7 किलोमीटर तक यह पथ ऐसा ही है, जिसके कारण कई बार कांवरिया अपने कांवर के साथ दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं. सुल्तानगंज से आने वाले कुछ कांवरियों ने बताया कि जब वे अपने साथ वजन लेकर इस पथ से आ रहे थे, तो उनका पैर फिसलने लगा. सुल्तानगंज से आते समय जैसे ही वे देवघर सीमा पार कर दुम्मा गेट में प्रवेश करते हैं, तो पैरों में पत्थर और कीचड़ होने के कारण वे फिसलने लगते हैं.
ईटीवी भारत ने जब खिजुरिया पथ के पास स्थिति का जायजा लिया, तो लोगों ने अपनी समस्याएं साझा करते हुए कहा कि जिला प्रशासन को इस ओर गंभीर होने की जरूरत है. देवघर ऐसी जगह है, जहां सावन से कुछ दिन पहले ही कांवरिया बाबा के दर्शन के लिए पहुंचने लगते हैं. ऐसे में जिला प्रशासन और सरकार को एक महीने पहले से ही व्यवस्था दुरुस्त कर लेनी चाहिए, ताकि एक भी श्रद्धालु को परेशानी का सामना न करना पड़े.