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हिमाचल में फिर पटवारी चले हड़ताल पर, पटवारखानों में कई दिनों तक लटक सकते हैं ये काम - HIMACHAL KANUNGO PATWARI LEAVE

पटवारी और कानूनगो मास कैजुअल लीव पर चले गए हैं. मांगें न मानने पर 28 फरवरी से पेन डाउन स्ट्राइक की चेतावनी भी दी है.

मास कैजुएल लीव पर पटवारी कानूनगो
मास कैजुएल लीव पर पटवारी कानूनगो (फाइल फोटो.)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Feb 24, 2025, 7:49 PM IST

शिमला: राजस्व विभाग के नायब तहसीलदार, पटवारी और कानूनगो अभी तक डिस्ट्रिक्ट कैडर के तहत आते थे. इस वर्ग के अधिकारियों और कर्मचारियों के आरएंडपी रूल्स भी इसी आधार पर तय किए गए हैं, लेकिन सुक्खू सरकार ने डिस्ट्रिक्ट कैडर को समाप्त कर नायब तहसीलदारों, पटवारियों और कानूनगो को लेकर अब राज्य कैडर की अधिसूचना जारी कर दी है.

कानूनगो, नायब तहसीलदार, पटवारियों को स्टेट कैडर में शामिल करने की अधिसूचना के बाद एक बार फिर संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. स्टैट कैडर में शामिल करने के निर्णय से नाराज पटवारी और कानूनगो 25 और 27 फरवरी को दो दिन की मास कैजुअल लीव (सामूहिक आकस्मिक अवकाश) पर जाने का फैसला ले लिया है.

ये काम होंगे प्रभावित

पटवारी कानून गो के सामूहिक आकस्मिक अवकाश पर जाने से लोगों के हिमाचली प्रमाण, आय प्रमाण पत्र, कृषक प्रमाण पत्र और ईडब्लूएस आदि प्रमाण पत्र नहीं बनेंगे. यही नहीं इन दो दिनों में लोगों की रजिस्ट्रियां, इंतकाल और लोन से संबंधित कार्य भी प्रभावित होंगे. इसी तरह से प्रदेश भर में चल रही ई केवाईसी की प्रक्रिया ठप होगी. वहीं हिमाचल प्रदेश संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ के मुताबिक अगर दो दिनों में सरकार कोई उचित निर्णय नहीं लेती है तो 28 फरवरी से मुहाल के पटवारी और कानूनगो अनिश्चितकाल के लिए पेन डाउन स्ट्राइक पर चले जाएंगे. ऐसे में आने वाले दिनों में लोगों की परेशानी बढ़ने वाली है.

2,828 पटवारी और कानूनगो छुट्टी पर

25 और 27 फरवरी को 2,828 मुहाल के पटवारी और कानूनगो मास कैजुअल लीव पर रहेंगे. प्रदेश में मुहाल पटवारी और कानूनगो के 3,342 स्वीकृत पद हैं. इसमें वर्तमान में 488 पद खाली चल रहे हैं. मुहाल पटवारियों के कुल स्वीकृत पद 2,574 हैं, जिसमें 255 पद रिक्त हैं. इसी तरह से मुहाल कानूनगो के कुल 772 पद स्वीकृत हैं, जिसमें 233 पद खाली हैं.

पेन डाउन स्ट्राइक पर जाने की दी चेतावनी

'सरकार ने हमारी मांगों को लेकर बलवान कमेटी का गठन किया था, लेकिन इसकी सिफारिशों को लागू करने से पहले ही नायब तहसीलदार, कानूनगो और पटवारियों स्टेट कैडर में लाने की अधिसूचना जारी कर दी है. इसके विरोध में महासंघ ने 25 और 27 फरवरी को मास कैजुअल लीव पर जाने का निर्णय लिया है. बलवान कमेटी की सिफारिशों को माना जाना चाहिए था. मास कैजुअल लीव पर जाने के बाद भी अगर सरकार ने हमें वार्ता के लिए नहीं बुलाया तो 28 फरवरी से मुहाल पटवारी और कानूनगो पेन डाउन स्ट्राइक पर जाएंगे. उम्मीद है कि प्रदेश सरकार पेन डाउन स्ट्राइक की नौबत को नहीं आने देगी.'- सतीश चौधरी, संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं प्रदेशाध्यक्ष कानूनगो महासंघ

संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ की मांगें

संयुक्त ग्रामीण राजस्व अधिकारी एवं कानूनगो महासंघ ने अतिरिक्त मुख्य सचिव राजस्व के समक्ष अपनी आठ मांगें रखी थी. मांगें इस प्रकार थी.

  • कानूनगो का नायब तहसीलदारी कोटा 60 से बढ़ाकर 80 फीसदी किया जाए.
  • महासंघ ने कानूनगो एवं नायब तहसीलदार के भर्ती एवं पदोन्नति के नियमों में संशोधन करने और विभागीय परीक्षा को तर्कसंगत बनाया जाए.
  • चार पटवार वृत्त पर एक कानूनगो वृत गठित करने और लैंड रिकार्ड मैनुअल के आधार पर पटवार वृत सृजित करने की भी मांग थी.
  • महासंघ ने भू-व्यवस्था के कानूनगो की पदोन्नति बतौर नायब तहसीलदार भू-व्यवस्था में ही करने और भू-व्यवस्था विभाग में कैडर स्ट्रेंथ के आधार पर पदोन्नति अनुपात निर्धारित करने की भी डिमांड रखी थी.
  • प्रदेश के सभी पटवारखानों व कानूनगो भवन को रहने, कार्य करने, मूलभूत सुविधाओं सहित कंप्यूटर-प्रिंटर-हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन से जोड़ा जाए.
  • महासंघ ने अपनी आठ मांगों में राजस्व विभाग के कानूनगो की एक वर्ष की बंदोबस्त ट्रेनिंग (जो कि पहले से हुई है) को दोबारा करवाने के आदेशों को रद्द करवाने की मांग की थी.
  • प्रदेश में रिक्त पड़े कानूनगो के पदों को भरने के लिए सेवानिवृत्त कानूनगो को पुनर्नियुक्ति देने के बजाए योग्य पटवारियों को एकमुश्त छूट दिए जाने की भी सरकार से मांग की गई थी.
  • महासंघ की पटवारी एवं कानूनगो की वेतन विसंगतियों को दूर करने और पटवारी एवं कानूनगो के वेतन व भत्तों में वृद्धि किए जाने की भी मांग थी.

35 दिनों बाद समाप्त हुआ था धरना

हिमाचल में पिछले साल भी पटवारियों और कानूनगो को स्टेट कैडर में डालने और मांगे न मानने से नाराज पटवारी और कानूनगो पिछली साल 15 जुलाई से ऑनलाइन सेवाएं देना बंद कर दिया था. इस दौरान पटवारी और कानूनगो विभिन्न मंचों के माध्यम से सरकार को स्टेट कैडर की अधिसूचना जारी न करने का अल्टीमेटम जारी किया था. वहीं, 15 अगस्त 2024 को सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ देहरा में हुई बैठक के बाद राज्य पटवारी और कानूनगो संघ ने काम पर लौटने का निर्णय लिया था. इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल को जायज मांगों का समाधान करने का आश्वासन दिया था. इसके बाद महासंघ की राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा के साथ भी बैठक हुई, जिसमें महासंघ ने अपनी मुख्य आठ मांगें रखी थी, जिस पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ने मांगों के समाधान को लेकर बलवान कमेटी गठित की गई थी. ऐसे में महासंघ ने कमेटी के समक्ष अपनी मुख्य आठ मांगें रखी थी, जिसके बाद बलवान कमेटी ने सिफारिश सरकार की भेजी थी. ऐसे में महासंघ ने 20 अगस्त 2025 से ऑनलाइन सेवाएं देनी शुरू कर दी थी.

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