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नौसेना को मिलेगी पहली स्वदेशी बैरल, एक मिनट में 120 राउंड करेगी फायर, जानिए खासियत - Indian navy get india made barrrel

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 23, 2024, 2:05 PM IST

Updated : Aug 23, 2024, 9:25 PM IST

नौसेना को फील्ड गन में बनी पहली स्वदेशी बैरल मिलेगी. इसमें एक मिनट में 120 राउंड फायरिंग होगी.⁠ ⁠आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाते हुए फैक्ट्री कर्मियों ने पहली सुपर रैपिड गन माउंट बैरेल बनाई है. नौसेना के युद्धक इसका आसानी से उपयोग कर सकेंगे.

नौसेना को मिलेगी पहली स्वदेशी बैरल.
नौसेना को मिलेगी पहली स्वदेशी बैरल. (photo credit- Etv Bharat)

फील्ड गन फैक्ट्री के जीएम एहतेशाम अख्तर ने दी जानकारी (Video Credit- ETV Bharat)

कानपुर :जिस तरह कानपुर की रक्षा इकाइयों से समय-समय पर देश के सैन्य कर्मियों के लिए आधुनिक तकनीकों वाले हथियार बनाए जाते हैं, ठीक उसी तर्ज पर अब फील्ड गन फैक्ट्री के कर्मियों ने पहली बार भारतीय नौसेना के लिए एक विदेशी बैरल (तोप) का स्वदेशीकरण कर दिया है. इसकी मदद से सैन्य कर्मी एक मिनट में 120 राउंड फायर कर सकेंगे. पीएम मोदी ने जो आत्मनिर्भर भारत का अभियान शुरू किया है, उसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए फैक्ट्री के कर्मियों ने पहली सुपर रैपिड माउंट गन (एसआरएमजी) बनाई है. इसे फिलहाल उपयोग के लिए बालासोर भेज दिया गया है. वहीं, कोच्चि में हुए परीक्षण में यह बैरल पूरी तरह से परफेक्ट साबित हुई है.

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15 से 20 किलोमीटर तक है मारक क्षमता, 76 मिमी. कैलिबर :इस पूरे मामले पर फील्ड गन फैक्ट्री के महाप्रबंधक (जीएम) एहतेशाम अख्तर ने ईटीवी भारत संवाददाता से खास बातचीत की. उन्होंने बताया, कि फैक्ट्री में हमने इस आयातित बैरल का स्वदेशीकरण किया है. इसका उपयोग भी शुरू कर दिया गया है. इसे खासतौर से भारतीय नौसेना के लिए ही बनाया गया है. नौसेना के सैन्य कर्मी अपने युद्धक पोत पर इसे डेप्लॉय करके इसका उपयोग कर सकते हैं. इसकी मारक क्षमता 15 से 20 मीटर तक है, जबकि इसका कैलिबर 76 मिमी है. उन्होंने कहा, कि इस बैरल के बनने से सैन्यकर्मियों को बहुत अधिक फायदा होगा.

अभी तक इटली से आयात होती थीं : फील्ड गन फैक्ट्री के जीएम एहतेशाम अख्तर ने बताया कि अभी तक यह बैरल हम इटली से आयात करते थे. इसमें भारतीय मुद्रा के मुताबिक इस आयातित बैरल का मूल्य लगभग 5 करोड़ रुपये तक है. लेकिन, अब कानपुर में ही यह बैरल बनेंगी तो इस वजह से हम बहुत हद तक भारतीय मुद्रा को बचा सकेंगे.

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Last Updated : Aug 23, 2024, 9:25 PM IST

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