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देश के सैनिकों के लिए ऑर्डिनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री ने बनाए हिमक्लोज ग्लव्स, माइनस 50 डिग्री सेल्सियस में आएंगे काम - HIMCLOZ GLOVES

ऑर्डिनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री ने सैनिकों के लिए ऐसे ग्लव्स तैयार किये है, जो माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी काम कर सकेंगे.

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देश के सैनिकों के लिए हिमक्लोज ग्लब्स (photo credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 24, 2025, 3:54 PM IST

Updated : Jan 24, 2025, 4:39 PM IST

कानपुर: देश के सैनिकों की समस्याओं को देखते हुए समय-समय पर वरिष्ठ सैन्य अफसर कानपुर में आकर मौजूद अफसरों से संवाद करते हैं. साल 2023 में कानपुर की ऑर्डिनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री (टीसीएल समूह की यूनिट) को सेना की ओर से एक जरूरत बताई गई. इसमें सैनिकों के लिए ऐसे ग्लव्स तैयार करने थे, जिन्हें पहन कर वह बहुत अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर आसानी से अपना काम कर सकें.

आर्मी की ओर से बताया गया था कि ऐसे स्थानों पर तापमान भी - 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है. इसलिए जो भी गलब्स बनाए जाएं उनमें तापमान का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाए. सेना की ओर से बताई गई जरूरत को देखते हुए कानपुर की ऑर्डनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री ने पहली बार ऐसे ग्लव्स तैयार किए हैं जो देश के सैनिक आने वाले समय में पहन कर अपना काम कर सकेंगे. उनकी खासियत है कि इन दस्तानों की वजह से वह 10 डिग्री सेल्सियस से लेकर माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी आराम से अपने सारे काम कर लेंगे.

ऑर्डिनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री के जीएम अनिल रंगा ने दी जानकारी (video credit; ETV Bharat)

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जीएम बोले दस्ताने कई मायनों में होंगे स्पेशल: इस पूरे मामले को लेकर ऑर्डिनेंस इक्विपमेंट फैक्ट्री के जीएम अनिल रंगा ने ईटीवी भारत को बताया कि सेना की ओर से जो ग्लव्स को लेकर जरूरतें बताई गई थीं. उसके मुताबिक हमने ऐसे ग्लव्स तैयार किए हैं जो सैनिकों को माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तापमान में भी राहत देंगे. इन दस्तानों में तीन अलग-अलग लेयर हैं, जिनका प्रयोग तापमान के मुताबिक किया जा सकता है. 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चलने वाली हवा में भी सैनिकों को इन दस्तानों के साथ किसी तरीके की दिक्कतें नहीं होगी. सेना ने इनका सफल परीक्षण भी कर लिया है. जल्द ही सेना को बड़ी मात्रा में यह दास्ताने दिए जाएंगे.

दस्तानों की खासियत:

  • दस्तानों की लाइफ दो साल होगी, बल्कि शेल्फ लाइफ पांच साल तक होगी.
  • दस्तानों से सैनिकों को किसी तरीके की स्किन एलर्जी नहीं होगी.
  • दस्ताने पूरी तरीके से वॉशेबल हैं.
  • दस्तानों की जो ग्रिपिंग है वह बहुत अच्छी है. इसके अलावा सैनिक किसी भी तरीके का मूवमेंट आसानी से कर सकते हैं.
  • तीन लेयर वाले इन दस्तानों को बनाने में लेदर, नायलॉन, फर और फाइबर का प्रयोग हुआ है.

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Last Updated : Jan 24, 2025, 4:39 PM IST

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