कानपुर: जिस तरह उत्तर प्रदेश के संभल में मुस्लिम क्षेत्रों में कई सालों पुराने मंदिर मिले और वहां पर जिला प्रशासन के अफसरों ने पूजा-पाठ शुरू कराया. ठीक उसी तर्ज पर अब कानपुर के मुस्लिम क्षेत्रों में भी प्राचीन मंदिर मिले हैं. इनमें जल्द ही पूजा-पाठ शुरू होगी. यह ठोस दावा कानपुर की मेयर प्रमिला पाण्डेय ने किया है.
शुक्रवार को सीसामऊ नाले के ऊपर अतिक्रमण हटाने के लिए बुलडोजर दौड़ाने वाली मेयर प्रमिला ने शनिवार सुबह बेकनगंज पहुंचकर क्षेत्र बने प्राचीन मंदिरों का निरीक्षण किया. शहर के घनी मुस्लिम आबादी वाले क्षेत्र में किसी भी समय स्थिति बिगड़ सकती थी, इसके लिए मेयर वहां पूरी तैयारी से पहुंची थीं. मेयर के साथ एडीसीपी सेंट्रल और एसीपी स्वरूप नगर समेत कई थानों की फोर्स थी.
कानपुर के मुस्लिम इलाके बेकनगंज का दौरा करतीं मेयर प्रमिला पाण्डेय. (Video Credit; ETV Bharat) मेयर ने जब मंदिरों के हालात देखे तो बहुत अधिक अफसोस जताया. कई मंदिरों की दीवारें ढहने जैसी स्थिति में पहुंच चुकी थीं, जबकि तमाम मंदिरों में मूर्तियां भी गायब हो गई. जहां पर मंदिर थे वहां पर अब भारी अतिक्रमण मेयर को दिखा. बिना देरी किए ही कानपुर की मेयर प्रमिला पांडे ने अपने चिर-परिचित अंदाज में बेकनगंज के क्षेत्रीय लोगों से कहा आप लोग जहां रह रहे हैं, वहां आराम से रहिए. हमें उसमें किसी तरीके की दिक्कत नहीं है.
लेकिन अब जो यहां के प्राचीन मंदिर हैं, वहां पर साफ सफाई होने के बाद उनमें बहुत ही जल्द पूजा पाठ शुरू होगी. अगर किसी ने मंदिरों के आसपास अतिक्रमण किया तो उस पर बुलडोजर दौड़ेगा. मेयर प्रमिला ने यह भी दावा किया कानपुर के चमनगंज, बेकनगंज समेत अन्य मुस्लिम क्षेत्रों में लगभग 125 मंदिर ऐसे हैं जो सालों पुराने हैं और जिन पर कुछ लोगों ने कब्जे किए हैं. इसके चलते यह मंदिर लोगों के सामने अदृश्य जैसी स्थिति में हो गए हैं.
बेकनगंज को मेयर ने बताया सुनार वाली गली: मेयर प्रमिला ने पत्रकारों से वार्ता के दौरान कहा जिस बेकनगन्ज में वह मौजूद हैं, एक समय कानपुर में इस बेकनगंज को सुनार वाली गली के नाम से जाना जाता था. यहां पर कई अग्रवाल परिवार रहते थे. हर 10 घर के बाद एक मंदिर को उन्होंने बनवा रखा था. हालांकि जैसे-जैसे यहां पर दूसरे लोग आकर रहने लगे, वैसे-वैसे मंदिरों पर कब्जा होता गया.
ये मंदिर अब यहां से पूरी तरीके से गायब हो चुके हैं. कानपुर में कुछ माह पहले भी मेयर प्रमिला ने शहर के मुस्लिम क्षेत्रों में बने मंदिरों की स्थिति देखी थी. कई पार्षदों ने कानपुर की मेयर प्रमिला से इस बात की शिकायत की थी. कानपुर में जो प्राचीन मंदिर बने हैं, उन पर लोग कब्जा करते जा रहे हैं. वहां बने मंदिर का अस्तित्व पूरी तरीके से खत्म होता जा रहा है.
घनी मुस्लिम आबादी वाले इस क्षेत्र में पहुंचते ही मेयर ने कहा, यहां सालों पहले जो लोग रहते थे, उन्होंने 100 से अधिक मंदिर बनवाए. हर 10 घर के बाद एक मंदिर दिखता था. मगर अब सब गायब है. न मंदिर दिख रहा और ना ही मूर्तियां. आप लोग यहां रहिए, हमें उसमें कोई आपत्ति नहीं है. लेकिन, जो क्षेत्र में लगभग 125 मंदिर हैं, अब वह खुलेंगे और उनमें रोज पूजा-पाठ होगी. वहां से सारा अतिक्रमण हटा लिया जाए. अगर ऐसा नहीं किया गया तो यहां भी बुलडोजर चलेगा.
कानपुर में चर्चा जोरों पर:मुस्लिम क्षेत्रों में बने मंदिरों में पूजा पाठ को लेकर कानपुर की मेयर प्रमिला ने जो कवायद की है, अब उसकी चर्चा पूरे शहर में हो रही है. भाजपा के दिग्गजों का कहना है, मंदिरों पर जिन लोगों ने कब्जा कर रखा है, उन्हें हटाया जाना चाहिए. वहीं सपा नेताओं का तंज है कि अचानक ही यह कानपुर की मेहर और भाजपा नेताओं को मंदिर क्यों याद आ गए हैं. कानपुर में इस मामले को राजनीतिक नजरिए से भी देखा जा रहा है.
ये भी पढ़ेंःसीसामऊ में गरजा बुलडोजर; MLA नसीम सोलंकी की गुहार-हफ्ते भर समय दे दीजिए, मेयर बोलीं- एक सेकेंड की मोहलत नहीं दूंगी