भरतपुर :भगवान श्रीकृष्ण की प्रिय गाय में 33 कोटि देवी-देवताओं का वास माना जाता है. गाय के गोबर में लक्ष्मीजी प्रतिष्ठित मानी जाती हैं. ऐसे में इस बार भरतपुर में गाय के गोबर से दीपावली पूजन के लिए हजारों की संख्या में कामधेनु पूजा किट तैयार की गई है. लाखों की संख्या में दीपक निर्मित किए गए हैं. ऐसे में इस बार बिहार, पश्चिम बंगाल, यूपी, एमपी और राजस्थान के कई जिलों के हजारों घर गाय के गोबर से निर्मित लाखों दीपकों से जगमगाएंगे. इतना ही नहीं 25 हजार घरों में गाय के गोबर से निर्मित विशेष पूजा की थाली से लक्ष्मी गणेशजी की पूजा की जाएगी. साथ ही गाय के गोबर से 2200 के आसपास लक्ष्मी गणेश जी की मूर्तियों निर्मित की गई हैं. बृज क्षेत्र में स्थित भरतपुर में कान्हा जी की प्रिय गायों के संरक्षण और संवर्धन के क्षेत्र में यह पहल महत्वपूर्ण साबित हो रही है.
विशेष पूजा की थाली :स्वर्ग संस्था के प्रबंधक बलवीर सिंह ने बताया कि इस बार संस्था की ओर से दीपावली पर पूजन के लिए विशेष पूजा थाली तैयार की गई है. यह थाली गाय के गोबर से तैयार की गई है, जिसमें दो दीपक, स्वस्तिक, ॐ और धूप बत्ती भी गाय के गोबर से निर्मित कर सजाई गई हैं. इन थालियों को अलग अलग रंग से रंगकर आकर्षक बनाया गया है. गाय के गोबर को पवित्र माना जाता है. इसलिए दीपावली के पूजन के अवसर पर इस विशेष पूजा की थाली की काफी डिमांड आ रही है. इस तरह की 25 हजार पूजा की थाली तैयार की गई हैं. जिनमें से अधिकतर थालियां बिक चुकी हैं. इन थालियों की कीमत 101 रुपए निर्धारित की गई है.
स्वर्ग संस्था के प्रबंधक बलवीर सिंह (ETV BHARAT BHARATPUR) इसे भी पढ़ें -स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को अपने उत्पाद बेचने के लिए उपलब्ध कराया गया मंच
5 लाख दीपक तैयार, हजारी मूर्तियां :बलवीर सिंह ने बताया कि इसी तरह से गाय के गोबर से अलग अलग डिजाइन के दीपक तैयार किए हैं. इनकी कीमत 2 रुपए से 10 रुपए तक निर्धारित की गई है. इसके अलावा गाय के गोबर से ही 2200 की संख्या में लक्ष्मी- गणेश जी की मूर्तियां भी तैयार की गई हैं. मूर्तियों की कीमत 70 रुपए और 100 रुपए जोड़ा रखी गई है.
गाय के गोबर से बने दीये (ETV BHARAT BHARATPUR) कई जिलों से मांग : बलवीर सिंह ने बताया कि गाय के गोबर से निर्मित दीपक, पूजा की थाली और लक्ष्मी गणेश जी की मूर्तियों की उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कई जिलों से मांग आई थी, जहां सप्लाई भी हो चुकी है. इनमें बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के मथुरा, आगरा, अलीगढ़, भरतपुर, धौलपुर, करौली, सवाई माधोपुर, डीग, जयपुर, चूरू, सीकर, नागौर जिलों तक में सप्लाई की गई है.
गाय के गोबर से बनी लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां (ETV BHARAT BHARATPUR) 272 महिलाओं को लाखों का रोजगार : बलवीर सिंह ने बताया कि जिले की 272 महिलाएं गाय के गोबर से दीपक, पूजा की थाली और लक्ष्मी गणेश जी की मूर्तियां बनाने का काम किया. इन महिलाओं ने त्यौहार के अवसर पर करीब एक महीन काम कर के 5 लाख दीपक, 25 हजार पूजा की थाली और 2200 मूर्तियां तैयार कीं, जिनसे करीब 10 लाख रुपए की आय हुई. यानी एक माह में 272 महिलाओं को 10 लाख रुपए का रोजगार मिला.
कामधेनु थाली से होगी लक्ष्मी-गणेश की पूजा (ETV BHARAT BHARATPUR) बलवीर सिंह ने बताया कि गाय के गोबर से तैयार किए गए सभी दीपक, थाली और मूर्तियों में तुलसी, अश्वगंधा आदि के बीज भी मिश्रित किए जाते हैं. जिससे ये मिट्टी में मिलकर पौधे का रूप ले सकें. साथ ही उपयोग के बाद दीपक, थाली या मूर्तियों को जहां भी मिट्टी में छोड़ा जाएगा वहां ये आसानी से बिना प्रदूषण के मिट्टी में मिल जाएंगी और खाद का काम भी करेंगे. इसलिए ये उत्पाद पर्यावरण के लिए भी उपयोगी हैं.