भरतपुर. कामां विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस प्रत्याशी रही जाहिदा खान द्वारा नामांकन में तथ्य छुपाने और गलत शपथ पत्र पेश करने का मामला सामने आया है. जाहिदा खान ने अपने नामांकन पत्र में पति द्वारा बैंक से लिए गए ऋण की जानकारी छुपाई. एक सामाजिक कार्यकर्ता ने इसकी शिकायत भारत निर्वाचन आयोग को की. मामले की जांच जब जिला निर्वाचन अधिकारी ने की तो सही पाई गई.
सामाजिक कार्यकर्ता विजय मिश्रा व अकबर खान ने मुख्य चुनाव आयोग भारत सरकार को शिकायत कर बताया था कि कांग्रेस प्रत्याशी जाहिदा खान के पति जलीश खान ने अपनी कृषि भूमि खाता संख्या 28 खसरा संख्या 415 कुल रकबा 4.43 हेक्टेयर किस्म गैर मुमकिन पहाड़ की भूमि को भारतीय स्टेट बैंक की शाखा कामां में रहन रखकर 46 हजार रुपए का ऋण ले रखा था, लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी जाहिदा खान ने अपने पति जलीश खान द्वारा लिए गए इस ऋण की राशि को विधान सभा चुनाव में भरे गए अपने नामांकन पत्र के साथ दिए गए शपथ पत्र में नही दर्शाया था. जाहिदा खान ने जानबूझ कर इस तथ्य को छुपाते हुए शपथ पत्र में अपने पति जलीश खान द्वारा किसी भी बैंक से लोन लेना नहीं बताया.
शिकायत की हुई पुष्टि : सामाजिक कार्यकर्ता की शिकायत पर मुख्य निर्वाचन आयोग ने जिला निर्वाचन अधिकारी भरतपुर से जांच कर तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी. 12 मार्च को जिला निर्वाचन अधिकारी द्वारा भारत निर्वाचन आयोग को भेजी गई तथ्यात्मक जांच रिपोर्ट में रिटर्निग अधिकारी ने जाहिदा खान द्वारा मिथ्या शपथ पत्र देना पाया, जिसके आधार पर अब राजस्थान के मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रवीण गुप्ता ने जिला निर्वाचन अधिकारी को इस मामले में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
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यह है पूरा मामला : कांग्रेस प्रत्याशी जाहिदा खान के पति जलीश खान द्वारा गैर मुमकिन पहाड़ की भूमि पर वर्ष 2004 में किसान क्रेडिट कार्ड बनवाकर स्टेट बैंक शाखा कामां से 46 हजार का ऋण लिया था. इस ऋण को समय पर नहीं भरा गया और वह ऋण मय ब्याज नवम्बर 2023 तक 60,287 रुपए हो चुका था. विधानसभा चुनाव में कामां से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जाहिदा खान ने अपना नामांकन पत्र भरा, जिसके साथ दिए गए शपथ पत्र फॉर्म 26 के बिन्दु संख्या 8 के कॉलम संख्या 4 में अपने पति जलीश खान द्वारा बैंक से लिए गए ऋण की बात को छुपाया गया, जो मिथ्या शपथ पत्र की श्रेणी में आता है.