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कमलनाथ तो कांग्रेस में ठहर गए, क्या नकुलनाथ खिलाएंगे कमल ? - nakul nath joining bjp

Kamal Nath not Leaving Congress: लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस में टूट की संभावनाएं फिलहाल के लिए थम गई हैं. राहुल गांधी से चर्चा के बाद फिलहाल कमलनाथ ने कांग्रेस न छोड़ने का फैसला किया है. इस फैसले पर वे कब तक कायम कहेंगे इसके बारे में कहना संभव नहीं है, क्योंकि नकुलनाथ को लेकर सियासी हलकों में ये चर्चा चल रही है....

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 19, 2024, 7:45 PM IST

Updated : Feb 19, 2024, 7:54 PM IST

भोपाल। कमलनाथ के बीजेपी में जाने की अटकलों पर विराम लगने के बाद अब सवाल है कि क्या छिंदवाड़ा को बचाने नकुलनाथ कमल खिलाने आगे आएंगे. सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे के अंदाज में क्या कमलनाथ ये दांव खेल सकते हैं कि कांग्रेस में अपनी निष्ठा को बरकरार रखते हुए वे नकुलनाथ को बीजेपी की राह दिखा दें...ताकि छिंदवाड़ा सीट भी बची रहे और कमलनाथ की साख भी.

तो क्या अब भाजपा में जाएंगे नकुलनाथ...

अब जबकि ये तस्वीर साफ हो गई है कि कमलनाथ बीजेपी में शामिल नहीं होंगे. तब ये अटकलें जोरो पर हैं कि क्या छिंदवाड़ा सीट बचाए रखने के लिए कमलनाथ नकुलनाथ को बीजेपी की सदस्यता दिला सकते हैं. वैसे राजनीतिक हल्कों में शुरुआत में लंबे समय तक ये ही चर्चा थी कि पूरी उम्र कांग्रेस में दे देने के बाद कमलनाथ अब कांग्रेस नहीं छोड़ेंगे और अगर ये नौबत आई तो नकुलनाथ का नाम आगे बढ़ाएंगे. राजनीतिक विश्लेषक प्रकाश भटनागर कहते हैं, "ये दांव इसलिए कारगर हो सकता है क्योंकि, इसमें कमलनाथ दोनों किनारे साध लेंगे. एक तरफ जो छिंदवाड़ा सीट पर दबदबा भी बना रहेगा, व्यवसायिक हित भी सधे रहेंगे और दूसरी तरफ इस उम्र में कमलनाथ के दामन पर अगर ये दाग आता कि उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी अपने निजी हितों के लिए तो उससे भी बच जाएंगे.

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आखिर क्या वजह रही कि तीन दिन से चल रही अटकलों के बाद कमलनाथ के कांग्रेस छोड़ने पर विराम लग गया. माना जा रहा है कि राहुल गांधी ने भी इस मामले में उनसे चर्चा की थी. पूरी पार्टी की ओर से उन्हें कांग्रेस के इतने लंबे साथ का वास्ता दिया गया. वरिष्ठ पत्रकार अरुण दीक्षित कहते हैं, "कमलनाथ कांग्रेस के उन दिग्गज नेताओं में गिने जाते हैं जिन्होंने फर्श से अर्श तक पार्टी को देखा है. इंदिरा गांधी उन्हें तीसरा बेटा मानती थीं. तो बात केवल पार्टी की नहीं परिवार की है. कमलनाथ की मर्जी पर कांग्रेस एमपी में आई सत्ता हाथ से गंवाने को तैयार हो गई थी. जब सिंधिया अपने साथ 22 विधायकों को ले गए थे. तो कमलनाथ ने मुमकिन है री कॉल किया है और बढ़े कदम खींच लिए."

Last Updated : Feb 19, 2024, 7:54 PM IST

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