रांची:हेमंत सोरेन पर हुए ईडी की कार्रवाई और केंद्र की तानाशाही सरकार के खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा की 21 अप्रैल को होने वाली उलगुलान महारैली को सफल बनाने की कमान खुद कल्पना सोरेन ने संभाल ली है.
हेमंत सोरेन के जेल जाने के बाद झामुमो के कार्यों में सक्रिय हुई कल्पना सोरेन आज पहली बार झामुमो के केंद्रीय कार्यालय पहुंचीं और नौ जिलों के झामुमो जिलाध्यक्ष, जिला सचिव और पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक की और महारैली को ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने के लिए जरूरी निर्देश दिए. कल्पना सोरेन के साथ बैठक में पार्टी के केंद्रीय महासचिव और कोषाध्यक्ष विनोद पांडेय भी शामिल हुए.
05 अप्रैल को मुख्यमंत्री आवास पर हुई झामुमो विधायक दल की बैठक में यह फैसला लिया गया था कि मुंबई और दिल्ली में हुए इंडिया ब्लॉक की महारैली की तरह रांची में भी केंद्र सरकार के खिलाफ महारैली आयोजित की जाएगी. झामुमो ने इस महारैली का नाम उलगुलान महारैली का नाम दिया है. इस महारैली में देश भर के इंडिया ब्लॉक के बड़े नेताओं को शामिल होने का न्योता दिया जाएगा.
सिमडेगा से आये झामुमो के जिला सचिव सफीक अंसारी ने कहा कि कल्पना सोरेन ने "जड़ मजबूत तब सब मजबूत" की बात कहते हुए अपने अपने जिलों में जन जन तक यह संदेश पहुंचाने का आह्वान किया है. सफीक ने कहा कि कल्पना सोरेन ने कहा कि कैसे जब उनके नेता हेमंत सोरेन ने झारखंड की हक और अधिकार की बात की, अपना हक केंद्र से मांगा तो झूठे मामले में फंसा कर उन्हें जेल भेज दिया गया. कल्पना सोरेन ने 21 अप्रैल को होने वाली उलगुलान महारैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए सभी जिला इकाई से अपनी भूमिका निभाने का आह्वान किया है. सिमडेगा, लातेहार, खूंटी, चतरा, रांची, धनबाद, गुमला जिला की जिला इकाई से जुड़े पार्टी पदाधिकारी हुए शामिल हैं.
उलगुलान महारैली लोकतंत्र बचाने की लड़ाई
बैठक के बाद कल्पना सोरेन ने कहा कि 21 अप्रैल को होनेवाली उलगुलान महारैली लोकतंत्र बचाने की लड़ाई का हिस्सा है. अपने जिला समिति के पदाधिकारियों के साथ बैठक के बाद कल्पना सोरेन ने कहा कि हेमंत सोरेन के सपने को बाधित करने की कोशिश की गई है. केंद्र लगातार झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार करती है. झारखंड के लोकप्रिय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को झूठे मामले में गिरफ्तार किया गया है. 21 अप्रैल को रांची के प्रभात तारा मैदान में केंद्र की तानाशाही रवैया और संविधान को कुचलने की कोशिश के खिलाफ झारखंड की जनता उलगुलान करेगी.
कल्पना सोरेन ने कहा कि अपनी पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के उत्साह देख कर वह भी उत्साहित हैं और राज्य की जनता कह रही है, झारखंड झुकेगा नहीं, देश झुकेगा नहीं.