सिरमौर: हिमाचल प्रदेश के जिला सिरमौर को जल्द पहले फोरलेन की सौगात मिलेगी. कालाअंब से बाता पुल तक बनने वाले 50 किलोमीटर लंबे फोरलेन में सबसे पहले पैकेज-3 में कार्य शुरू होगा. एनएच प्राधिकरण ने इस पैकेज की डीपीआर तैयार कर ली है. इस पैकेज में धौलाकुआं से बाता पुल तक फोरलेन 13.477 किलोमीटर लंबा होगा. जिसकी 402 करोड़ रुपए की टेंटेटिव डीपीआर तैयार कर ली गई है. इसमें 262 करोड़ रुपए कंस्ट्रक्शन वर्क और 285 करोड़ रुपए यूटिलिटी शिफ्टिंग जैसे कार्य शामिल हैं. हालांकि अभी इस डीपीआर को फाइनल नहीं माना जा सकता, क्योंकि इसमें अभी एडिशन और डिलीशन जैसे काम होंगे. इस बीच फोरलेन निर्माण को लेकर गतिविधियां अब तेज हो गई हैं.
सिरमौर में 50 KM फोरलेन निर्माण
बता दें कि देहरादून-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे-07 जिला सिरमौर के पांवटा साहिब, नाहन और कालाअंब से होकर निकलता है. इस नेशनल हाईवे की कुल लंबाई 58 किलोमीटर है. यमुना पुल से लेकर बाता पुल तक पहले ही फोरलेन का निर्माण हो चुका है. अब बाता पुल से लेकर कालाअंब तक फोरलेन का निर्माण होना है. कालाअंब से आगे हरियाणा राज्य में भी इस फोरलेन का कार्य लगभग समाप्ति की ओर है. अब सिर्फ सिरमौर में 50 किलोमीटर के हिस्से में फोरलेन का निर्माण कार्य शेष रहा है.
तीन पैकेज में बनेगा फोरलेन
नेशनल हाईवे नाहन के सहायक अभियंता नितीश शर्मा ने बताया कि कालाअंब-बाता पुल (पांवटा साहिब) फोरलेन का निर्माण कार्य तीन पैकेज में होगा. इसके एक पैकेज को मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट हाईवे से हाल ही में 2024-25 के लिए एनुअल वर्किंग प्लान अप्रूवल मिली है. सबसे पहले पैकेज-3 में कार्य शुरू होगा. इस फोरलेन के पहले पैकेज में हरियाणा-हिमाचल की सीमा पर कालाअंब से मारकंडा खजुरना पुल, दूसरे पैकेज में खजुरना से धौलाकुआं और तीसरे पैकेज में धौलाकुआं से बाता पुल तक फोरलेन का निर्माण कार्य किया जाएगा.
फोरलेन पर और भी मजेदार हो जाएगा सफर
सहायक अभियंता नितीश शर्मा ने बताया कि पैकेज-3 के निर्माण के बाद पैकेज-1 कालाअंब से खजुरना पुल 18.300 और पैकेज-2 के तहत खजुरना से धौलाकुआं तक 18.400 किलोमीटर का निर्माण प्रस्तावित है. इन तीनों पैकेज में 50 किलोमीटर का फोरलेन तैयार होने के बाद इस पर सफर वर्तमान नेशनल हाइवे के मुकाबले और अधिक मजेदार हो जाएगा. इससे उत्तराखंड, हरियाणा, चंडीगढ़, शिमला आने-जाने वाले लोगों को बेहतर सुविधा मिल सकेगी. वहीं, अपने गंतव्य तक पहुंचने में वाहनों मालिकों व ड्राइवर्स के समय की भी काफी बचत हो सकेगी.
सबसे पहले क्यों मिली पैकेज 3 में कार्य को मंजूरी ?