कैथल: एक बार फिर से दिल्ली एनसीआर समेत हरियाणा में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर पहुंच गया है. शनिवार को हरियाणा के कैथल जिले का एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से ज्यादा हो गया है. बताया जा रहा है कि ये देश में सबसे ज्यादा है. यानी हरियाणा का कैथल जिला वायु प्रदूषण के मामले में देश में नंबर वन है. माना जा रहा है पराली जलाने की वजह से प्रदूषण के स्तर में अचानक से बढ़ोतरी हुई है.
वायु प्रदूषण में देश में नंबर वन पर कैथल (central pollution control board) वायु प्रदूषण में देश में नंबर वन पर कैथल: वायु प्रदूषण में कैथल जिला देश में नंबर वन हो चुका है. जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है. कैथल में प्रदूषण की मात्रा ज्यादा होने की वजह से शहर के लोग सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन की शिकायत कर रहे हैं. बताया जा रहा है कि कैथल जिले में अभी तक पराली जलाने के 97 मामले सामने आ चुके हैं.
प्रशासन ने क्या कदम उठाए? पराली जलाने पर कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉक्टर बाबू लाल ने कहा "कैथल जिले की बात करें तो हमने इसके लिए टीमें बनाई हैं, ब्लॉक स्तर की टीमें हैं और गांव स्तर की टीमें भी हैं। वो गांव-गांव जाकर किसानों की मदद करती हैं। इसके अलावा हमारी मोबाइल वैन भी चल रही है जो जागरूकता अभियान चला रही है और जहां तक मामलों की बात है तो कैथल जिले में अब तक 97 मामले आ चुके हैं."
सुप्रीम कोर्ट लगा चुका हरियाणा सरकार को फटकार: बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने की घटनाओं में वृद्धि और खराब होती वायु गुणवत्ता पर निराशा जताई है. अदालत ने पराली जलाने के दोषी पाए गए उल्लंघनकर्ताओं के खिलाफ मुकदमा ना चलाने पर हरियाणा सरकार को फटकार लगाई और राज्य के मुख्य सचिव को 23 अक्टूबर को पेश होने के लिए तलब किया.
हरियाणा सरकार ने उठाए सख्त कदम: हरियाणा सरकार की तरफ से आदेश जारी किए गए हैं कि अगर किसी किसान ने पराली जलाई तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी. आदेशों में कहा गया कि पराली जलाने पर किसान की रेड एंड्री होगी. जिस किसान के फार्म में रेड एंट्री दर्ज होगी. उस किसान की आगामी सीजन में मंडियों में एमएसपी पर फसल भी नहीं खरीदी जाएगी.
रणदीप सुरजेवाला ने साधा बीजेपी पर निशाना: कांग्रेस सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा "हरियाणा सरकार बनने के पहले ही दिन भाजपा सरकार ने किसानों की एमएसपी खत्म करने का आदेश जारी कर दिया। एक तरफ पराली जलाने पर किसान पर एफआईआर दर्ज होगी और दूसरी तरफ 2 साल तक किसानों की फसल एमएसपी पर नहीं खरीदी जाएगी। यह नायब सिंह सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार की सीधी-सीधी किसान विरोधी साजिश है, क्योंकि हरियाणा में किसानों ने भाजपा को वोट नहीं दिया...क्या यह पिछले दरवाजे से एमएसपी खत्म करने की सीधी-सीधी साजिश नहीं है?"
सुरजेवाला ने कहा "अगर किसान पराली नहीं जलाएंगे तो विकल्प क्या है? क्या नायब सिंह सैनी बताएंगे कि हरियाणा के कितने किसानों को हैप्पी सीडर मशीन मुहैया कराई गई है? 50 फीसदी सब्सिडी देने के बाद भी किसान को हैप्पी सीडर मशीन की कीमत 75 हजार रुपये तक पड़ रही है, गरीब और छोटे किसान यह पैसा कहां से लाएंगे?. क्या नायब सिंह सैनी जानते हैं कि किसान और पंजाब कृषि विश्वविद्यालय दोनों कह रहे हैं कि हैप्पी सीडर मशीन खेती की उत्पादकता कम करती है? क्या सरकार ने इस बारे में कोई जांच कराई है? कोई शोध? हरियाणा सरकार इन सवालों का जवाब दें और तुगलकी फरमान को तुरंत वापस लें."
इन बातों का रखें ध्यान: पराली जलाने पर कैथल के जिला अस्पताल के एसएमओ डॉक्टर सचिन ने कहा "सबसे पहले तो लोगों में जागरूकता फैलाना बहुत जरूरी है कि पराली के अवशेष को न जलाया जाए क्योंकि इससे सांस लेने में दिक्कत होती है, जो लोग फेफड़ों की समस्या से जूझ रहे हैं, उनके लिए भी यह नुकसानदायक है। दूसरी बात यह कि इससे आंखों में जलन हो सकती है, आंखों में पानी आने की समस्या हो सकती है, खास तौर पर दोपहिया वाहन चलाने वालों को ज्यादा परेशानी हो सकती है। सबसे पहले लोगों में जागरूकता फैलाई जानी चाहिए। जिन लोगों को सांस लेने में दिक्कत है, उन्हें सुबह-शाम मास्क का इस्तेमाल करना चाहिए, आंखों को पानी से धोते रहना चाहिए, साफ करते रहना चाहिए और पानी का छिड़काव करना चाहिए। अगर ज्यादा दिक्कत हो रही है तो आप अपने नजदीक किसी भी नेत्र विशेषज्ञ से संपर्क कर आंखों की देखभाल कर इलाज करवा सकते हैं."
वायु प्रदूषण की समस्या के समाधान की जरूरत: गुरुग्राम से दिल्ली में वायु गुणवत्ता के बिगड़ने पर पर्यावरणविद् विमलेंदु झा ने कहा "उत्तर भारत में वायु प्रदूषण बढ़ने का एक कारण पराली जलाना है. दिल्ली में वायु प्रदूषण बढ़ने का मुख्य कारण धूल और वाहनों से होने वाला प्रदूषण है. प्रदूषण की समस्या का समाधान निकालने के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार को मिलकर काम करने की जरूरत है. स्थानीय समस्याओं का समाधान किया जाना चाहिए."
क्या होता है एक्यूआई? एक्यूआई यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स हवा की शुद्धता को मापने का पैमाना है. एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है.
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