जोधपुर:राजस्थान मेंजोधपुर पुलिस कमिश्नरेट में ट्रैफिक पुलिस के क्षेत्र में सड़क दुर्घटनाओं और इसमें होने वाली मौतों की संख्या कम करने के लिए किए गए प्रयास सफल होते नजर आ रहे हैं. यही कारण है कि कमिश्नरेट में 2024 में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या कम हुई है. गत वर्ष अलग-अलग हादसों में 205 मौतें हुईं, जबकि वर्ष 2023 में 243 जनों की मौत हुई थी. यानि एक वर्ष में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या में 38 तक की कमी आई है.
इसका प्रमुख कारण ट्रैफिक पुलिस द्वारा शहर में एक्सीडेंट के ब्लैक स्पॉट पर घटनाओं का विवरण मौतों की संख्या के साथ प्रदर्शित करना और शराब पीकर वाहन चलाने वालों पर सख्ती करना है. ट्रैफिक एडीसीपी दुर्गाराम ने बताया कि हमने 14 ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर उनको प्रदर्शित किया है. रिंग रोड पर होने वाले हादसे रोकने के लिए अतिक्रमण हटाया. सबसे महत्वपूर्व शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई होने का भी असर सामने आया है. केवल जोधपुर यातायात पुलिस ने ही पूरे साल में 185 एमवी एक्ट के 2036 कार्रवाई की है.
घटा मौत का आंकड़ा, सुनिए एडीसीपी ने क्या कहा... (ETV Bharat Jodhpur) पढ़ें :Year Ender 2024 : भरतपुर में सड़क हादसों का डरावना आंकड़ा, एक साल में गई 299 की जान - ACCIDENTS IN BHARATPUR
शहर व आसपास 14 ब्लैक स्पॉट : जोधपुर पुलिस कमिश्नरेट क्षेत्र में यातायात पुलिस ने कुल 14 ब्लैक स्पॉट चिन्हित कर रखे हैं, जहां पर सर्वाधिक सड़क दुर्घटनाएं होती हैं. सभी जगह पर गत 3 साल की दुर्घटनाएं और मरने वालों की संख्या के होर्डिंग्स लगाए हैं, जो सीधे चालक को नजर आते हैं. जिसका असर भी हुआ है और उन स्पॉट पर दुर्घटनाओं में कमी देखी गई है.
सड़क दुर्घटनाओं मौत के आंकड़े (ETV Bharat GFX1) ड्रिंक एंड ड्राइव पर पुलिस की कड़ी नजर : सड़क हादसों की सबसे बड़ी वजह शराब पीकर वाहन चलना है. शराब पीकर वाहन चलाने पर 185 एमवी एक्ट में सर्वाधिक जुर्माना राशि का प्रावधान है. साथ ही चालक को सजा भी हो सकती है. 2024 में जोधपुर पुलिस ने ड्रिंक एंड ड्राइव के चालान बनाने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. 2024 में यह आंकड़ा करीब 6 गुना बढ़कर 7488 चालान किए गए, जबकि 2022 में ड्रिंक एंड ड्राइव के 1432 चालान और वर्ष 2023 में 1267 चालान बने थे.
185 एमवी एक्ट में कार्रवाई (ETV Bharat GFX1) यह है 185 एमवी एक्ट : शराब पीकर वाहन चलाने वालों के खिलाफ इसके तहत कार्रवाई होती है. पहली बार पकड़े जाने पर 6 महीने तक की जेल या 10 हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. दूसरी बार पकड़े जाने पर दो साल तक की जेल या 15 हजार रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं. बार-बार अपराध करने पर ड्राइविंग लाइसेंस निरस्त करने के साथ जुर्माना भी हो सकता है.