जोधपुर. मेहरानगढ़ म्यूजियम ट्रस्ट की ओर से हो रहे जोधपुर रिफ के दूसरे दिन गुरुवार सुबह से देर रात तक संगीत की स्वर लहरियां गूंजी. रात में धवल चांदनी के तले विदेशी लोक कलाकारों ने जब अपने देशों की संगीत का प्रदर्शन शुरू किया तो श्रोताओं ने पूर्व और पश्चिम के संगीत की विविधता में भी रूहानियत सुकून को महसूस कर ही लिया. फोर्ट फेस्टिविटीज में आसान और सरल संगीत और बिना तामझाम के इन नृत्यों को सैलानी कैमरों में कैद करते रहे और नर्तकों से बातचीत कर मूवमेंट्स के बारे में जाना.
इससे पहले चोखेलाव बाग में राजस्थानी लोक कलाकार माएवा सपेरा, ममता सपेरा, प्रेम डांगी, हनीफा मांगणियार व कमला भट्ट की ओर से 'मैं जो करती हूं वह क्यों करती हूं' पर आधारित कार्यक्रम प्रस्तुत किया. वहीं शाम को धन्ना भींया छतरी पर मेहरदीन लंगा, इदु खान लंगा व एकलास खान लंगा का गायन हुआ. रिफ की शाम जवां होती है मूडी रिफ्स में जहां गुरुवार देर रात तक मांगणियार ऑफ मारवाड़ बरकत खान छत्तनगढ़, बरकत खान म्याजलार, हकीम खान किसोला, मुल्तान खान डेडारिया, घेवर खान, दारे खान, फिरोज खान व देवू खान की प्रस्तुतियां हुई. लोक कलाकारों सुरों में श्रोता खोए ही थे कि विदेशी कलाकार गाबा टेल्स ऑफ योइकर लेकर आ गए और श्रोताओं को यूरोप के मधुर लोक संगीत की वादियों में ले गए. आधी रात के बाद 'राजस्थान की आवाजें शीर्षक पर मोहिनी देवी, सवाई खान व साथी कलाकारों द्वारा रेगिस्थानी सूफी संगीत की प्रस्तुति दी.