रांची: सीएम हेमंत सोरेन के खिलाफ सोशल मीडिया पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और सांसद निशिकांत दुबे की टिप्पणी पर आपत्ति जताते हुए झामुमो ने दोनों पर मानहानि का मुकदमा दर्ज करने की बात कही है. पार्टी के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि सीएम के खिलाफ जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया, वह नीचता की प्रकाष्ठा है. भाषा में इतनी नीचता कहां से आती है. ऐसे लोगों को समाज से आइसोलेट करने के लिए 2024 उपयुक्त समय है.
बाबूलाल मरांडी ने सीएम के खोजे जाने पर 11000 रुपए के इनाम की घोषणा की थी. एक मानसिक रोगी ही इस तरह की हरकत कर सकता है. लिहाजा, सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि अगर कोई मनोचिकित्सक बाबूलाल मरांडी की मानसिक स्थिति को ठीक करेगा तो उसे 11 लाख रुपए का इनाम दिया जाएगा.
आखिर दिल्ली से कैसे रांची लौटे सीएम:सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि कल ही स्पष्ट कर दिया गया था कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन निजी काम से दिल्ली गए थे और वह लौट भी आए हैं. हालांकि उन्होंने इस सवाल का जवाब नहीं दिया कि सीएम आखिर कैसे लौटे. इसकी जगह उन्होंने कहा कि यह कौन कहता है कि जो विमान से कहीं जाता है तो उसको विमान से ही लौटना है. इस सवाल को दोबारा दोहराने पर उन्होंने कहा कि हम लोग बचपन में हामागुड्डी करते थे मतलब हाथ और घुटने के बल चलते थे. वैसे ही सीएम भी आए. अब ठीक है ना. यह कहकर उन्होंने इस सवाल को फिर टाल दिया.
हेमंत ना तो हिमंता हैं, ना अजीत, ना नीतीश:झामुमो के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि जब मुख्यमंत्री ने ईडी को पूछताछ के लिए टाइम दे दिया था तो कैसे उनके सरकारी आवास पर टीम पहुंच गई. उनकी गैर मौजूदगी में आवास से 36 लाख रुपए बरामद किए जाने की खबरें दिखाई जा रही हैं. उन्होंने कहा कि पैसे को प्लांट भी तो किया जा सकता है. एक क्रिमिनल की तरह व्यवहार हो रहा है. हेमंत सोरेन एक आंदोलनकारी शिबू सोरेन के पुत्र हैं. वह ना तो हिमंता बिस्वा सरमा हैं, ना अजीत पवार हैं ना नीतीश कुमार हैं.
सुप्रियो भट्टाचार्य ने राजभवन पर भी सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जब अपने निजी काम से कहीं गए थे तो उनकी जानकारी लेने के लिए आला अधिकारियों को राजभवन बुला लिया गया. इससे साफ है कि राजभवन गैर संवैधानिक काम कर रहा है. उन्होंने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि राजनीतिक दुष्टों की टोली प्रपंच रच रही है. कोई कहता है लापता थे. क्या सीएम को भाजपा दफ्तर में बायोमैट्रिक देना होगा?