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लोहरदगा में कांग्रेस की टेंशन बढ़ी, झामुमो पेश कर सकता है दावेदारी!

Congress tension increased in Lohardaga. लोहरदगा लोकसभा सीट को लेकर कांग्रेस और झामुमो के बीच खींचतान की स्थिति नजर आ रही है. इसके पीछे की वजह झामुमो के दिग्गज नेता और बिशनपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक चमरा लिंडा हैं. कई चुनाव में चमरा लिंडा लोहरदगा लोक सीट पर अपने वोट बैंक का लोहा मनवा चुके हैं.

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Lohardaga Lok Sabha Seat

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 11, 2024, 9:10 PM IST

लोहरदगा: यूं तो लोहरदगा लोकसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच ही सीधा मुकाबला होता रहा है. इन दोनों राजनीतिक दलों के बीच ही अंतिम क्षण तक कांटे की टक्कर होती है, लेकिन कई चुनाव ऐसे भी रहे हैं जहां पर तीसरे प्रत्याशी की उपस्थिति ने दोनों दलों की नींद उड़ा दी है. इस बार भी कुछ ऐसी ही स्थिति नजर आ रही है. इस कारण कांग्रेस पार्टी की टेंशन बढ़ गई है. झामुमो की ओर से कुछ ऐसा किया जा रहा है कि कांग्रेस नेताओं की नींद उड़ी हुई है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा पेश कर सकता है दावेदारी

लोहरदगा लोकसभा सीट पर भाजपा की ओर से समीर उरांव को प्रत्याशी बनाया गया है. वहीं कांग्रेस पार्टी की ओर से सुखदेव भगत का नाम सबसे आगे चल रहा है. इन सबके बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा की ओर से लोहरदगा लोकसभा सीट पर दावेदारी पेश की गई है. झामुमो इस सीट पर अपनी मजबूत दावेदारी कर रहा है. इस संबंध में झामुमो के जिला अध्यक्ष मोजम्मिल अहमद का कहना है कि अभी बात चल रही है. किसी नतीजे पर नहीं पहुंच गया है. लोहरदगा लोकसभा सीट पर हमारा दावा तो बनता है. उन्होंने यह भी कहा है कि अंतिम निर्णय पार्टी के शीर्ष नेता लेंगे.

झामुमो की तरफ से चमरा लिंडा उतर सकते हैं मैदान में

लोहरदगा लोकसभा सीट पर गुमला जिले के बिशनपुर विधानसभा क्षेत्र के झामुमो विधायक चमरा लिंडा की ओर से दावेदारी पेश करने की बात सामने आ रही है. हालांकि इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन राजनीतिक गलियारे में इस बात को लेकर चर्चा जरूर है. इसके पीछे की वजह भी है. साल 2004 के चुनाव से लेकर साल 2014 तक के चुनाव में चमरा लिंडा ने भाजपा और कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशियों की नींद उड़ा दी थी.

पिछले चुनावों के आंकड़े पर एक नजर

पिछले चुनाव के आंकड़ों पर नजर डालें तो साल 2004 के चुनाव में चमरा लिंडा लोहरदगा लोकसभा सीट से स्वतंत्र प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में थे. साल 2004 का चुनाव कांग्रेस पार्टी के डॉ रामेश्वर उरांव ने जीता था. इस चुनाव में उन्हें 223920 वोट मिले थे. जबकि दूसरे स्थान पर रहने वाले भाजपा के दुखा भगत को 133665 वोट से संतोष करना पड़ा था. वहीं निर्दलीय प्रत्याशी चमरा लिंडा ने 58947 वोट लाकर सबको हैरान कर दिया था. साल 2009 के चुनाव में फिर एक बार चमरा लिंडा चुनाव मैदान में थे. इस बार भी वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे थे. इस लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के सुदर्शन भगत चुनाव जीत गए थे. सुदर्शन भगत को इस चुनाव में 144628 वोट मिले थे. जबकि निर्दलीय प्रत्याशी चमरा लिंडा को 136345 वोट प्राप्त हुए थे. तीसरे स्थान पर रहने वाले कांग्रेस के डॉ रामेश्वर उरांव को 129622 वोट मिले थे. साल 2014 के चुनाव में भाजपा के सुदर्शन भगत चुनाव जीते थे. इस चुनाव में उन्हें 226666 वोट मिले थे, जबकि दूसरे स्थान पर रहने वाले कांग्रेस के डॉ रामेश्वर उरांव को 220177 वोट मिले थे. वहीं तीसरे स्थान पर रहने वाले ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के प्रत्याशी रहे चमरा लिंडा को एक लाख 18355 वोट मिले थे.

दिलचस्प होने वाला है लोहरदगा लोकसभा सीट पर मुकाबला

पिछले कई चुनावों के आंकड़ों से उत्साहित चमरा लिंडा इस बार चुनाव मैदान में फिर से उतरना चाहते हैं. उनका लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र में अपना एक अलग वोट बैंक है. खैर आने वाले वक्त में पता चलेगा कि कांग्रेस और झामुमो के बीच समझौता होता है या फिर कांग्रेस पार्टी परंपरागत सीट के रूप में यहां पर अपना दावा पेश करती है. इतना तय है कि चमरा लिंडा की भूमिका चुनाव में बेहद महत्वपूर्ण हो जाएगी और यदि चमरा लिंडा चुनावी मैदान में उतरते हैं तो लोहरदगा लोकसभा सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प हो जाएगा.

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