रांची: दिल्ली के राष्ट्रपति भवन में नौ जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. वहीं शपथ ग्रहण समारोह में मोदी मंत्रिमंडल के कैबिनेट, राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और राज्यमंत्री पद की भी शपथ दिलाई गई. झारखंड के कोडरमा से सांसद अन्नपूर्णा देवी को कैबिनेट मंत्री और रांची के सांसद संजय सेठ को राज्य मंत्री बनाया गया है. अब इस शपथ ग्रहण समारोह पर झारखंड की राजनीति गरमा गई है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्या ने राज्य से सिर्फ एक कैबिनेट मंत्री बनाए जाने और राज्य के किसी भूमिपुत्र की जगह बाहरी संजय सेठ को राज्यमंत्री बनाने के निर्णय को झारखंड के साथ नाइंसाफी करार दिया है.
झामुमो नेता सुप्रियो ने कहा कि संथाल की बेटी और कोडरमा की बहू अन्नपूर्णा देवी यहां की माटी से जुड़ी हैं. उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाए जाने पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं, लेकिन क्या कोई झारखंडी नेता जिसकी या जिसके पूर्वजों की नाभि झारखंड में दबी हो वह नहीं मिला राज्यमंत्री बनाने के लिए. झामुमो नेता सुप्रियो भट्टाचार्या ने सवालिया लहजे में कहा कि जो संजय सेठ सांसद के रूप में एचईसी जैसे मुद्दे पर चुप्पी साधे रखी. ऐसे व्यक्ति को राज्यमंत्री बना दिया गया, जबकि उनसे वरिष्ठ कई सांसद भाजपा में हैं.
झारखंड से एक और कैबिनेट और एक स्वतंत्र प्रभार वाला राज्यमंत्री बनाएं पीएम- झामुमो
झामुमो के केंद्रीय महासचिव ने कहा कि मोदी मंत्रिमंडल में 80 मंत्री हो सकते हैं, अभी 73 मंत्रियों ने शपथ ली है. ऐसे में झामुमो राज्य के हित में राज्य से एक और कैबिनेट मंत्री और एक स्वतंत्र प्रभार वाला राज्य मंत्री बनाने की मांग करता है, ताकि राज्य के साथ इंसाफ हो सके.
पीएम मोदी के दिल में झारखंड नहीं बसता- कांग्रेस
वहीं प्रदेश कांग्रेस के महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि राज्य से नौ लोकसभा सांसद और तीन राज्यसभा सांसद होने के बावजूद सिर्फ एक कैबिनेट मंत्री राज्य से बनाना यह साबित करता है कि पीएम मोदी के दिल में झारखंड नहीं बसता है. कांग्रेस नेता ने कहा कि झारखंड के साथ नाइंसाफी हुई है. बावजूद इसके कांग्रेस उम्मीद करती है कि केंद्र सरकार पर बकाए 132 करोड़ की राशि के भुगतान के लिए सभी सांसद और मंत्री एक स्वर में भारत सरकार पर दवाब बनाएंगे.