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ऑटोमेटेड रेन गेज मशीन से लैस होंगी झारखंड की पंचायतें! जानिए क्या होगा इससे फायदा? - Automated rain gauge machines - AUTOMATED RAIN GAUGE MACHINES

Automated rain gauge machines. झारखंड की सभी पंचायतों में अब ऑटोमेटेड रेन गेज मशीन लगाई जाएगी. इस मशीन के लगाए जाने से ना सिर्फ किसानों को फायदा होगा, बल्कि इससे माइक्रो लेवल पर मौसम की जानकारी भी मिल पाएगी. जिससे अच्छा रिसर्च हो पाएगा.

AUTOMATED RAIN GAUGE MACHINES
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 21, 2024, 5:12 PM IST

Updated : Mar 21, 2024, 7:39 PM IST

कृषि पदाधिकारी और मौसम वैज्ञानिक का बयान

रांची: झारखंड के अलग-अलग क्षेत्रों में असमान वर्षापात की वजह से यहां आंकड़े जुटाना बेहद परेशानी भरा कार्य होता है. ऐसे में अब कृषि विभाग राज्य के सभी 4402 पंचायतों और 260 प्रखंडों में ऑटोमेटेड रेन गेज मशीन लगाने जा रहा है. पंचायत स्तर पर इस मशीन के लग जाने के बाद न सिर्फ राज्य के सभी पंचायतों में हर दिन होने वाली वर्षा की जानकारी कृषि निदेशालय को मिल सकेगी, बल्कि अलग-अलग पंचायतों में हर दिन का तापमान,आर्द्रता, विंड वेलोसिटी और नमी की भी जानकारी मुख्यालय को मिल सकेगी.

कृषि निदेशालय कार्यालय में होगा ऑटोमैटिक रेन गेज डेटा कंट्रोल रूम

रांची के कृषि पदाधिकारी राम शंकर प्रसाद सिंह ने बताया कि ऑटोमैटिक रेन गेज मशीन लगाने की जरूरत इसलिए पड़ी है क्योंकि पिछले कई वर्षों से यह देखा जा रहा है कि राज्य में असामान्य और असमान वर्षापात ज्यादा हो रही है. एक ही समय में किसी पंचायत में अत्यधिक वर्षा होती है तो वहीं पास का पंचायत सूखा रह जाता है. ऐसे में वर्षापात के एक्यूरेट और पंचायत स्तर पर डेटा प्रदेश मुख्यालय को मिल सकेगा.

ऑटोमैटिक रेन गेज मशीन लगाने से अलग-अलग पंचायतों में कृषि के लिए जरूरी जानकारी जैसे हवा का वेग क्या है, उस पंचायत में नमी कितनी रही, इसकी सभी जानकारी हर दिन कृषि निदेशालय के कंट्रोल रूम में स्वतः रिकॉर्ड हो जाएगा. राम शंकर प्रसाद सिंह ने कहा कि ऑटोमेटेड रेन गेज मशीन से मिले आंकड़ें का उपयोग सुखाड़ या अत्यधिक वर्षापात की एक्यूरेट जानकारी मिल जाएगी, जिससे किसानों को मुआवजा मिलने में आने वाली परेशानी कम होगी.

ऑटोमेटेड रेन गेज मशीन को लेकर विशेषज्ञों के साथ हो चुकी है बैठक

कृषि विभाग द्वारा हर पंचायत में स्वतचालित रेन गेज मशीन लगाने की योजना के लिए मौसम केंद्र के विशेषज्ञों, आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों और कृषि अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय बैठक भी हुई है.

मौसम केंद्र और किसान दोनों के लिए फायदेमंद

मौसम केंद्र, रांची के प्रभारी निदेशक और मौसम पूर्वानुमान वैज्ञानिक अभिषेक आनंद ने कहा कि पंचायत स्तर पर ऑटोमैटिक रेन गेज मशीन लगाने का फायदा किसानों को होगा. इससे फसल बीमा और सुखाड़ मुआवजा लेने में सहायता मिलेगी. वहीं मौसम केंद्र को भी पंचायत स्तर पर मौसम से जुड़े आंकड़ें और डाटा मिल सकेगा. इसका लाभ दीर्घ समयावधि में मौसम में हो रहे बदलाव पर माइक्रो लेवल पर रिसर्च में भी मिलेगा.

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Last Updated : Mar 21, 2024, 7:39 PM IST

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