रांचीः लोकसभा चुनाव 2024 के इस चुनावी समर में क्या मोदी की गारंटी चलेगी या कांग्रेस की घर-घर गारंटी चलेगी. जनता का यह फैसला 4 जून को जब लोकसभा चुनाव के फैसले आएंगे तब चलेगा. लेकिन इससे पहले यह चुनावी मुद्दा जरूर बनता जा रहा है.
झारखंड में लोकसभा की 14 सीटें हैं, जहां के शहरी क्षेत्र में बीजेपी-कांग्रेस की गारंटी इन दिनों सुर्खियां बटोर रही हैं. लेकिन ग्रामीण क्षेत्र खासकर संथाल जहां अधिकांशतः ट्रायबल आबादी निवास करती है. वहां की जनता स्थानीय और निजी समस्याओं के समाधान करने वाले नेताओं की गारंटी को प्रश्रय देने जा रही है.
हालांकि झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता ब्रजेश तिवारी का मानना है कि झारखंड में स्थानीय मुद्दे गौण रहेंगे गारंटी ही चलेगी, जिसमें मोदी की गारंटी ही असरदार होने की संभावना है क्योंकि लोगों ने उनका कार्यकाल देखा है. स्थानीय मुद्दे विधानसभा चुनाव में रहेंगे लोकसभा में लोग जानते हैं कि राष्ट्रीय स्तर पर हमें चुनाव करना है.
वहीं सामाजिक कार्यकर्ता बॉबी पांडे कहती हैं कि चुनाव में तो महंगाई, भ्रष्टाचार और रोजगार जैसे मुद्दे होने चाहिए. जिससे लोगों को लगेगा कि राजनीतिक दल आम लोगों को हो रही परेशानी से अवगत हैं मगर यह सब बातें सिर्फ चर्चा बनकर रह जाती है. ऐसे में वोटर के लिए मुश्किल जरूर है कि किसकी गारंटी पर विश्वास करें.
बीजेपी को मोदी की गारंटी पर विश्वास
लोकसभा चुनाव 2024 में 400 पार के संकल्प लेकर उतरी भाजपा को मोदी की गारंटी से काफी उम्मीदें है. पार्टी को विश्वास है कि कुछ महीने पहले छत्तीसगढ़ सहित देश के पांच राज्यों में हुए चुनाव में चला जादू लोकसभा में भी कारगर साबित होगा. बीजेपी नेता प्रमोद कुमार मिश्र का मानना है कि मोदी के 10 वर्षों का कार्यकाल जनता देख चुकी है. उन्हें विश्वास है कि मोदी जो कहते है वो करते हैं. राम मंदिर, धारा 370 सहित कई ऐसे उदाहरण हैं जिसकी वजह से लोगों का विश्वास बीजेपी सरकार के प्रति है.