रांचीः किसी भी चुनाव के दौरान नक्सल प्रभावित इलाकों में शांतिपूर्ण मतदान संपन्न करवाना हमेशा से एक बड़ी चुनौती रही है. यही वजह है कि पुलिस के अधिकारी और जवान शांतिपूर्ण मतदान संपन्न करवाने के लिए अपना होमवर्क पूरा करने में जुटे हुए हैं. झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ अभियान के साथ-साथ वैसे मतदान केंद्र जहां मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता है वहां वायरलेस सेट के साथ-साथ सेटेलाइट फोन की व्यवस्था की जा रही है.
नो नेटवर्क एरिया चिन्हित किया गया
लोकसभा चुनाव 2024 को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और निष्पक्ष संपन्न करवाने के लिए झारखंड पुलिस का हर सीनियर से लेकर जूनियर अफसर और कर्मी लगातार मेहनत कर रहे हैं. खासकर नक्सल प्रभावित जिलों में किसी भी तरह से कोई भी चूक ना हो इसके लिए लगातार तैयारियां जारी हैं. नक्सलियों के खिलाफ अभियान तो चलाया ही जा रहा है साथ ही नक्सल प्रभावित इलाकों में जहां-जहां कम्युनिकेशन के साधन नहीं है वहां वैकल्पिक साधन तैयार किया जा रहे हैं ताकि मतदान केंद्र से सुरक्षाकर्मियों के साथ-साथ दूसरे लोग भी एक-दूसरे के संपर्क में रहें.
पुलिस की टीम के द्वारा नक्सल प्रभावित इलाकों में पड़ने वाले नो नेटवर्क एरिया को चिन्हित कर लिया गया है. रांची रेंज के डीआईजी अनूप बिरथरे लगातार पेशरार जैसे अति नक्सल प्रभावित इलाको का दौरा के रहे हैं. डीआईजी अनूप बिरथरे ने बताया कि रांची रेंज के 5 जिलों रांची, गुमला, खूंटी, लोहरदगा और सिमडेगा से तीन नक्सल प्रभावित है.
रांची रेंज में पड़ने वाले खूंटी, गुमला और लोहरदगा नक्सल प्रभावित है. तीनों जिलों में नक्सलियों का कोई प्रभाव मतदान के दौरान ना हो इसके लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है. डिमाइनिंग कर पूर्व से नक्सलियों का द्वारा लगाए गए आईईडी बमों को निष्क्रिय किया जा रहा है.