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रांची में अमर शहीद सिदो कान्हू को श्रद्धांजलि, प्रदेश के आला नेताओं ने किया नमन - Hul Diwas 2024

Jharkhand leaders paid tribute to martyr Sido Kanhu. हूल दिवस पर झारखंड प्रदेश में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. राजधानी रांची में प्रदेश के आला नेताओं ने रांची में शहीद सिदो-कान्हू को श्रद्धा सुमन अर्पित की. इन नेताओं ने सन 1855 को संथाल में हुए हूल आंदोलन के नायकों को याद किया.

Jharkhand leaders paid tribute to martyr Sido Kanhu in Ranchi on Hul Diwas 2024
शहीद सिदो-कान्हू को नमन करते प्रदेश के आला नेता (Etv Bharat)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Jun 30, 2024, 5:15 PM IST

रांची: हूल दिवस पर रविवार को रांची के सिदो कान्हू पार्क में 1855 को संथाल में हुए हूल आंदोलन के नायकों को श्रद्धा सुमन अर्पित की गयी. अलग-अलग आदिवासी और अन्य सामाजिक संगठनों, राजनीतिक दलों के नेताओं ने पार्क में स्थित सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर हूल आंदोलन के वीर नायकों को याद किया. झारखंड मुक्ति मोर्चा की जिला कमेटी, आजसू पार्टी, प्रदेश कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं-नेताओं ने शहीद सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और हूल जोहार के नारे लगाए.

प्रदेश के नेताओं ने रांची में अमर शहीद सिदो कान्हू को श्रद्धांजलि दी (ETV Bharat)

झारखंड में खतरे में आदिवासियों का अस्तित्व- अमर बाउरी

हूल दिवस पर सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर हूल क्रांति ने नायकों को भाजपा विधायक दल के नेता और नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने याद किया. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि 1857 की क्रांति से पहले 1855 में ही झारखंड में संथाल के भोगनडीह में फिरंगियों से जल, जंगल, जमीन बचाने के लिए उलगुलान हुआ था. उस भोगनडीह में आज आदिवासियों के 09 घर छोड़ 10वां घर नहीं है. संथाल में आदिवासियों की डेमोग्राफी खत्म हो रही है और सिर्फ राजनीतिक लाभ लेने के लिए आदिवासी हित की बातें कुछ लोग करते हैं.

चंपाई सरकार में बेटी, रोटी और माटी का संकट- अमर बाउरी

नेता प्रतिपक्ष और भाजपा विधायक अमर कुमार बाउरी ने कहा कि आज की सच्चाई यही है कि पूरे राज्य में आदिवासी अस्मिता संकट में है और यहां बेटी, रोटी और माटी का संकट इस सरकार में हो गया है. सिदो कान्हू पार्क की बदहाली की ओर इशारा करते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिस जगह पर अमर शहीद सिदो कान्हू की प्रतिमा लगी है वहां के तालाब की स्थिति देख कर कहा जा सकता है कि यहां की साफ सफाई कराने तक की फुर्सत सरकार और उसके तंत्र को नहीं है. यह बतलाता है कि वर्तमान राज्य की सरकार सिर्फ अमर शहीदों के नाम पर वोट की राजनीति करती है.

आज भी जारी है जल जंगल जमीन को बचाने की लड़ाई- झामुमो

झारखंड मुक्ति मोर्चा के सभी बड़े नेता आज संथाल के भोगनाडीह में हूल दिवस आयोजित कार्यक्रम में शिरकत कर रहे हैं. लिहाजा रांची जिला झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं ने रांची के सिदो कान्हू पार्क में अमर शहीद सिदो कान्हू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. इस मौके पर रांची झामुमो के सचिव डॉ हेमलाल मेहता ने कहा कि संथाल में हुए हूल क्रांति जल जंगल और जमीन बचाने की लड़ाई थी. आज भी कई शक्तियों की नजर राज्य के जल जंगल और जमीन पर है. उसे कॉरपोरेट सेक्टर के हाथों में देने की साजिश हो रही है जिसके खिलाफ झारखंड मुक्ति मोर्चा लड़ाई लड़ रहा है.

वहीं प्रदेश कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने भी हूल दिवस उन शहीदों को नमन किया. उन्होंने कहा कि हूल दिवस पर आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के आदिवासियों से माफी मांगना चाहिए था. क्योंकि उनकी सरकार में आदिवासियों पर अत्याचार बढ़ा है.

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