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झारखंड में खत्म हो रहा प्रधानाध्यापक का पद, राज्य में मात्र दो दर्जन प्रिंसिपल! - headmaster post in jharkhand - HEADMASTER POST IN JHARKHAND

Headmaster post in Jharkhand. राज्य में 2700 के करीब हाई स्कूल हैं लेकिन सिर्फ दो दर्जन के करीब स्कूलों में प्रधानाध्यापक हैं. प्रधानाध्यापक की जगह स्कूलों में प्रभारी प्राचार्य तैनात किए जाने लगे हैं, जो शिक्षकों के लिए एक जटिल समस्या है.

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सतीश दुबे, शिक्षक संघ के विधि संयोजक (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 16, 2024, 3:06 PM IST

पलामू:झारखंड में 2700 के करीब हाई स्कूल है. दो दर्जन से अधिक स्कूल में प्रधानाध्यापक तैनात है. झारखंड में इंटरमीडिएट की पढ़ाई डिग्री कॉलेज से हटाकर हाई स्कूल में कर दी गई है. जबकि कई मिडिल स्कूल को प्रमोट कर अपग्रेडेड हाईस्कूल किया गया है, जहां दसवीं तक की पढ़ाई हो रही है. झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ का कहना है कि राज्य के हाई स्कूल में प्रधानाध्यापक के पद पर सीधी नियुक्ति नहीं हो रही है. प्रधानाध्यापक की जगह स्कूलों में प्रभारी प्राचार्य तैनात किए जाने लगे हैं. इस पूरे मामले में माध्यमिक शिक्षक संघ ने ईटीवी भारत के बातचीत की है.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्टः जानकारी देते संवाददाता नीरज कुमार (ETV Bharat)

झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ और झारखंड प्रदेश के विधि संयोजक सतीश दुबे ने ईटीवी भारत को बताया कि राज्य में 2700 के करीब हाई स्कूल है, लेकिन सिर्फ दो दर्जन के करीब स्कूलों में प्रधानाध्यापक है. राज्य में सीधी नियुक्ति नहीं हो रही है. सरकार ने प्रधानाध्यापक के पद पर तैनाती के लिए जो नियम बनाया है, वह काफी जटिल है. 2010 के बाद हाई स्कूल और 2012 के बाद अपग्रेडेड स्कूल में शिक्षकों की तैनाती हुई है. राज्य सरकार ने हाई स्कूल में शिक्षकों के प्रमोशन के आधार पर प्रधानाध्यापक के पद पर तैनाती की योजना बनायी है. सामान्य वर्ग के लिए शिक्षक की उम्र 24 वर्ष और एससी-एसटी वर्ग के लिए 18 वर्ष रखी गई है. साथ ही सीधी नियुक्ति के लिए आठ वर्ष का अनुभव रखा गया.

सतीश दुबे बताते हैं कि राज्य में सीधी नियुक्ति नहीं हो रही है, लेकिन प्रमोशन के आधार पर होने वाली नियुक्ति काफी जटिल है. राज्य में एक तरह से प्रधानाध्यापक का पद खत्म होता जा रहा है. प्रधानाध्यापक और प्राचार्य के पद में अंतर है. उनका कहना है कि वर्तमान में विभाग 171 उच्च विद्यालय से जो प्लस टू बने हैं, उससे प्रधानाध्यापक का पद समाप्त हो रहा है और उसकी जगह पर प्राचार्य का पद सृजन किया जा रहा है. ऐसे में उस विद्यालय के माध्यमिक शिक्षकों के साथ क्या होगा.

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