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झारखंड का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट, तीन वर्षों में जीएसडीपी में हुआ इजाफा - झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट

Jharkhand Economic Survey Report. चंपई सरकार की ओर से विधानसभा में झारखंड का आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया गया है. इसके मुताबिक तीन वर्षों में जीएसडीपी में इजाफा हुआ.

Jharkhand Economic Survey Report
Jharkhand Economic Survey Report

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 26, 2024, 3:20 PM IST

रांची: झारखंड की अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक कुछ वर्षों को छोड़ दें तो झारखंड का विकास दर देश के विकास दर से अधिक रहा है. ‌ पिछले तीन वर्षों के दौरान यानी 2020-21 और 2022-23 के बीच राज्य की जीएसडीपी 8.8 प्रतिशत औसत वार्षिक दर से बढ़ी है. ऐसा अनुमान है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह 7.1% और अगले वित्तीय वर्ष 2024-25 में 7.7 प्रतिशत की औसत वार्षिक दर से बढ़ेगी.

प्रति व्यक्ति आय के मामले में झारखंड देश के सबसे कम प्रति व्यक्ति आय वाले राज्यों में से एक है. साल 2000-01 में अस्तित्व में आने के साथ 28 राज्यों की सूची में झारखंड 26वें स्थान पर था. सिर्फ पड़ोसी राज्य बिहार और उत्तर प्रदेश ही इससे नीचे थे. लेकिन दो दशकों में भी स्थिति में व्यापक परिवर्तन नहीं आया है और वर्ष 2021-22 में भी यह एक स्थान के मामूली सुधार के साथ इस सूची में झारखंड 25वें स्थान पर था. केवल बिहार, उत्तर प्रदेश और मणिपुर ही झारखंड से पीछे थे.

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट के मुताबिक झारखंड की मुद्रास्फीति दर राष्ट्रीय दर से कम रही है. झारखंड में मुद्रास्फीति की औसत दर वर्ष 2022-23 में 6.1% थी. 2023-24 में अक्टूबर 2023 तक, जुलाई और अगस्त 2023 के महीना को छोड़कर मुद्रास्फीति दर 6% से कम रही है.

पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 में अन्य वस्तुओं की तुलना में ईंधन और प्रकाश के अलावा कपड़े और जूते के मूल्य में बहुत तेजी से वृद्धि हुई है. इस अवधि के दौरान ईंधन मुद्रास्फीति 12.1% औसत वार्षिक दर पर और कपड़े, जूते के मूल्य 9.1% की औसत वार्षिक दर से बढ़े हैं. इन दोनों वस्तुओं की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के बावजूद राज्य में मुद्रास्फीति दर नवंबर 2022 से मार्च 2023 तक तुलनात्मक रूप से कम रही क्योंकि खाद्य और पेय के मूल्य में कमी आई थी.

जहां तक बजट के आकार की बात है तो यह साल 2011-12 से 2022-23 की अवधि के दौरान 12.1% के औसत वार्षिक दर से बढ़ा है. इस वर्ष 2023-24 में इसके लगभग 1,16,418 करोड़ रुपए होने का अनुमान है. पिछले वर्षों की तुलना में इस वित्तीय वर्ष में बजट के आकार का 27% बढ़ना अनुमानित है. साल 2011-12 के वित्तीय वर्ष में बजट का आकार जीएसडीपी का 17% था जो 2022-23 में बढ़कर 23.8 प्रतिशत हुआ और 2023-24 में इसके जीएसडीपी के 27.2 प्रतिशत होने का आकलन किया जा रहा है.

झारखंड का अपना टैक्स कलेक्शन वर्ष 2016-17 से 2022-23 के बीच 11.1% की औसत वार्षिक दर से बढ़ा है. जबकि इसी अवधि के बीच राज्य का गैर कर राजस्व 8.4% के औसत वार्षिक दर से बढ़ा है.

पिछले तीन वर्षों में राज्य की कुल देनधारी एक लाख करोड़ से अधिक हो गई है. कुल देनदारी का अधिकांश राज्य के सार्वजनिक ऋण का है और बाकी का हिस्सा सार्वजनिक खातों का है. सार्वजनिक ऋण, सार्वजनिक खाते और राज्य की कुल देनदारी 2016-17 से 2022-23 के दौरान क्रमशः 9%, 13% और 10% की औसत वार्षिक दर से बढ़ी है.

जहां तक शिक्षा की बात है तो इसके दर में इजाफा हुआ है. साल 2017-18 में राज्य की लगभग 72 प्रतिशत आबादी साक्षर थी लेकिन 2022-23 में साक्षरता दर 79 प्रतिशत हो गई है.‌ हालांकि महिलाओं की साक्षरता दर पुरुषों से कम है लेकिन इस अवधि में महिलाओं की साक्षरता दर 3 प्रतिशत की औसत वार्षिक दर से बढ़ी है.

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