रांचीः विधानसभा चुनाव से पहले झारखंड कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर को हटाकर ओबीसी समाज से आने वाले केशव महतो कमलेश के हाथों में कमान सौंपने पर चर्चा शुरू हो गई है.राजेश ठाकुर को कार्यकाल के तीन साल पूरा होने से पहले ही हटा दिया गया है. प्रदेश कांग्रेस संगठन में हुए इस बड़े बदलाव पर सवाल भी उठने लगे हैं.
जातीय समीकरण साधने की कोशिश
इस संबंध में झारखंड कांग्रेस की पॉलिटिक्स को बेहद करीब से देखने वाले वरिष्ठ पत्रकार सतेंद्र सिंह कहते हैं कि राहुल गांधी ने कई बार अपने लाइन ऑफ पॉलिटिक्स को सार्वजनिक मंचों से व्यक्त कर चुके हैं,उसी की परिणति झारखंड में नेतृत्व परिवर्तन हुआ है. उन्होंने कहा कि जब सार्वजनिक मंच से लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी यह पूछते हैं कि कितना पत्रकार ओबीसी, एससी,एसटी है ? दिल्ली में कितने इन वर्गों के आईएएस अधिकारी महत्वपूर्ण विभागों में सचिव हैं?
ऐसे में राहुल गांधी को यह भी देखना ही पड़ेगा कि पार्टी में उच्च पदों पर विराजमान लोग किस वर्ग से हैं. ऐसे में भूमिहार समाज से आनेवाले निवर्तमान अध्यक्ष राजेश ठाकुर की जगह के महतो समाज से आनेवाले नेता केशव महतो कमलेश की ताजपोशी कोई अचरज में डालने जैसा कदम नहीं है.
85% आबादी पर है कांग्रेस की नजर-जगदीश साहू
कांग्रेस के प्रदेश सचिव और प्रवक्ता जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके वरिष्ठ नेता जगदीश साहू कहते हैं कि पूर्व अध्यक्ष का कार्यकाल अच्छा रहा और लगभग तीन साल तक वह पद पर बने रहे हैं.अब जब विधानसभा चुनाव सामने हैं तो जिसकी जितनी हिस्सेदारी, उसकी उतनी भागीदारी के तहत एक तपे-तपाए ओबीसी नेता को प्रदेश का अध्यक्ष और दूसरे अनुभवी आदिवासी नेता को विधायक दल का नेता बनाया गया है. उन्होंने कहा कि आबादी के एक बड़े भाग से आने वाले इन दोनों नेताओं को महत्वपूर्ण पद देने का सकारात्मक असर विधानसभा चुनाव के नतीजों पर पड़ना तय है.
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