रांचीः राजधानी में नशे के तस्करों की जद में सबसे ज्यादा छात्र आते हैं. स्कूल से लेकर कॉलेज तक नशे के तस्करों की पहुंच हो चुकी है. ऐसे में इस नेटवर्क को ध्वस्त करने के लिए अब झारखंड सीआईडी की टीम स्कूल और कॉलेज में जाकर ड्रग्स की समस्या कितनी गंभीर है और कौन-कौन लोग इस धंधे में शामिल हैं, इसका पता लगाएगी. जिसकी शुरुआत राजधानी रांची से की जाएगी.
आउटरीच प्रोग्राम के तहत टारगेट किए जाएंगे स्कूल-कॉलेज
झारखंड सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि स्कूल और कॉलेज के बाहर और भीतर ड्रग्स को लेकर स्थिति कितनी भयावह है. साथ ही कहां-कहां स्कूल और कॉलेज के बाहर ड्रग्स बेचे जाते हैं, इन सारी बातों की जानकारी जुटाई जा रही है. इसके लिए सीआईडी की टीम के द्वारा एक आउटरीच प्रोग्राम बनाया गया है. जिसकी शुरुआत फिलहाल रांची से की जा रही है.
इस आउटरीच प्रोग्राम के तहत सीआईडी की टीम सबसे पहले रांची की सभी शैक्षणिक संस्थानों को टारगेट करेगी. इसके तहत झारखंड सीआईडी अपनी अलग-अलग टीमों को रांची के विभिन्न स्कूल, कॉलेज और दूसरे शैक्षणिक संस्थानों में भेजेगी. सीआईडी की टीम स्कूल और कॉलेज में जाकर यह पता लगाएगी कि आखिरकार ड्रग्स की समस्या कितनी बड़ी है. सीआईडी डीजी के अनुसार अभी तक पुलिस के पास यह जानकारी ही नहीं है कि स्कूल-कॉलेज में किस तरह से नशे के तस्कर हावी हैं या फिर क्या वाकई शैक्षणिक संस्थानों में स्थिति भयवाह है.
गुप्त और खुले तौर पर दे सकते हैं जानकारी
सीआईडी डीजी अनुराग गुप्ता ने बताया कि स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे हों, पढ़ाने वाले शिक्षक हो या फिर गार्जियन, सभी सीआईडी की टीम के सामने आकर या फिर गुप्त रूप से ड्रग्स को लेकर जो जानकारियां उनके पास हैं उसे खुलकर बता सकते हैं. पढ़ने वाले किसी बच्चे, उनके गार्जियन या फिर शिक्षक को अगर इसकी जानकारी है कि उनके स्कूल या कॉलेज में ड्रग्स कारोबारियों का प्रभाव है या स्कूल के आसपास किसी पान गुमटी या चाय दुकान पर ड्रग्स बिकता है, तो वे गुप्त रूप से इसकी जानकारी सीआईडी को दे सकते हैं.