रांची: नक्सलियों के झारखंड-बिहार बंद के ऐलान के बाद से ही पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर जिन जिलों में नक्सलियों का कुछ प्रभाव है वहां विशेष सतर्कता बरती जा रही थी. झारखंड के चाईबासा में फिलहाल भाकपा माओवादियो के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछू, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगारिया समेत कई नक्सली कमांडर सक्रिय हैं. यही वजह है कि इस इलाके में बन्द के दौरान सुरक्षाबलों के द्वारा विशेष सतर्कता बरती जा रही थी. इस दौरान सुरक्षाबलों ने चाईबासा के टोंटे थाना क्षेत्र से दो केजी का एक आईईडी बम बरामद किया, जिसे नष्ट कर दिया गया.
पलामू, गिरिडीह, लातेहार, धनबाद और बोकारो में स्थिति सामान्य
नक्सलियों ने जया की गिरफ्तारी को लेकर बन्द का एलान किया था. ऐसे में जया के प्रभाव वाले इलाके गिरिडीह, लातेहार, धनबाद और बोकारो में 24 जुलाई की रात से ही सुरक्षा बलों के द्वारा लगातार सर्च अभियान चलाया जा रहा था. सुरक्षा बलों की बढ़ी गतिविधियों के कारण इन इलाकों में भी नक्सली बंद के दौरान स्थिति सामान्य रही. हालांकि इन जिलों में ग्रामीण इलाकों में दुकान बंद रही लोगों की आवाजाही भी बहुत कम ही दिखाई दी.
लातेहार जिले में माओवादियों के अलावे अन्य नक्सली संगठनों का काफी वर्चस्व हुआ करता था. इसी कारण नक्सलियों के द्वारा जब बंद बुलाई जाती थी तो जिले में वाहनों के पहिए पूरी तरह थम जाते थे. परंतु पिछले तीन वर्षों से जिले में नक्सलियों प्रभाव काफी हद तक कम हो गया है. इसी का प्रतिफल दिखा कि माओवादियों ने गुरुवार को झारखंड बंद की घोषणा की थी. परंतु इस बंदी का जिले में कोई खास असर नहीं दिखा. जिला मुख्यालय तथा आसपास के प्रखंडों में बंद पूरी तरह विफल रहा. सभी वाहनों का परिचालन सामान्य दिनों की तरह होता रहा. वहीं सभी प्रतिष्ठान और दुकान भी सामान्य दिनों की तरह खुली रही.
गिरिडीह जिला मुख्यालय से विभिन्न प्रखंड और दूसरे जिले तक जाने वाली यात्री वाहनों का परिचालन भी अन्य दिनों की तरह होता रहा. वैसे नक्सली जब भी बंद की घोषणा करते थे तो इसका असर यातायात के अलावा देवरी प्रखंड के चतरो बाजार, पीरटांड के चिरकी-हरलाडीह बाजार पर साफ दिखता था लेकिन इस बार के बंद का इन बाजारों पर भी असर देखने को नहीं मिला. जिस चतरो बाजार में बंद की घोषणा होते ही सन्नाटा पसर जाता था वहां सभी दुकाने हर दिन की भांति खुली रही.
प्रेस रिलीज जारी कर बंद का किया गया था एलान