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झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारी, प्रदेश कांग्रेस नेताओं की राष्ट्रीय महासचिव के साथ दिल्ली में बैठक - Jharkhand assembly election

Jharkhand assembly election. कांग्रेस ने झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए टिकट के बंटवारे को लेकर अपनी तैयारी शुरू कर दी है. इसे लेकर झारखंड के नेताओं की दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ अहम बैठक होनी है. माना जा रहा है कि इस बैठक में सीटों के बंटवारे और उम्मीदवारों को टिकट देने पर चर्चा होगी.

JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION
कांग्रेस नेता (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 1, 2024, 10:33 PM IST

रांची:झारखंड की सभी पार्टियां विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, विधायक दल के नेता डॉ रामेश्वर उरांव, मंत्री बन्ना गुप्ता और मंत्री दीपिका पांडे सिंह समेत प्रदेश के कई नेता दिल्ली दौरे पर हैं. प्रदेश मीडिया प्रभारी राकेश सिन्हा के मुताबिक कल पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल के साथ बैठक होनी है. इस बैठक में विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीतियों पर चर्चा होगी. संभावना जताई जा रही है कि इस बैठक में इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के साथ सीट शेयरिंग के अलावा मजबूत प्रत्याशियों को लेकर भी चर्चा हो सकती है.

दरअसल, हालिया राजनीतिक उथल पुथल को देखते हुए इस बार के झारखंड विधानसभा चुनाव के बेहद दिलचस्प होने की उम्मीद जताई जा रही है. चुनाव के ठीक पहले झामुमो के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रहे चंपई सोरेन के भाजपा में जाने से कोल्हान के राजनीतिक समीकरण पर असर पड़ने की संभावना है. वहीं लोबिन हेंब्रम भी भाजपा में आकर संथाल में झामुमो को घेरने में लगे हुए हैं. असम के मुख्यमंत्री और झारखंड बीजेपी के चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा भी कह चुके हैं कि दोनों नेताओं के आने से भाजपा को मजबूती मिली है. हिमंता बिस्वा सरमा खुलकर कह चुके हैं कि आदिवासी और मूलवासी की डेमोग्राफी पर बांग्लादेशी घुसपैठ से हो रहे प्रभाव को रोकने के लिए वह हर विकल्प के लिए तैयार हैं. चुनाव बाद हेमंत सोरेन से भी बातचीत को तैयार हैं.

इस बार भाजपा एग्रेसिव मोड में नजर आ रही है. 2019 के चुनाव में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास फ्रंट फुट पर थे. लेकिन इस बार हिमंता बिस्वा सरमा सक्रिय हैं. इस बीच जोर-शोर से चर्चा है कि कई दूसरे दलों के बड़े नेता पाला बदल सकते हैं. आमतौर पर चुनाव के समय टिकट बंटवारे के वक्त संगठन में बैलेंस बनाए रखना हर पार्टी के लिए चुनौती बन जाती है. लिहाजा, 2024 के लोकसभा चुनाव में अच्छे नतीजे आने से कांग्रेस बेहद उत्साहित है.

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