झारखंड

jharkhand

ETV Bharat / state

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए महागठबंधन में रस्साकस्सी, खूंटी और तोरपा पर बीजेपी से कौन करेगा मुकाबला?

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए महागठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया है. ऐसे में खूंटी और तोरपा को लेकर रस्साकस्सी जारी है.

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 4 hours ago

KHUNTI AND TORPA ASSEMBLY SEATS
संभावित उम्मीदवार (ईटीवी भारत)

खूंटी: झारखंड विधानसभा 2024 की रणभेरी बजने के साथ ही खूंटी में राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. भाजपा अपने उम्मीदवारों की सूची जल्द जारी कर सकती है. महागठबंधन में उम्मीदवार कौन होगा ये भी अभी साफ नहीं है.

तोरपा और खूंटी विधानसभा सीट पर महागठबंधन का उम्मीदवार कौन होगा इस पर पार्टी ने अभी पत्ते नहीं खोले हैं. लेकिन चर्चा है कि खूंटी और तोरपा सीट पर कांग्रेस ने दावा ठोका है. राजनीतिक गलियारों से यह चर्चा है कि तोरपा सीट के लिए कांग्रेस से प्रदीप बालमुचू, कुणाल कच्छप, पूर्व प्रत्याशी पुनीत हेम्ब्रम, जॉन कंडुलना दिल्ली में कैम्पिंग कर रहे हैं. वहीं खूंटी से दयामनी बारला, सुशील सांगा, पीटर मुंडू, विल्सन टोपनो सहित कई नेता अपनी जुगाड़ मे लगे हुए हैं.

दूसरी तरफ खूंटी और तोरपा से झामुमो ने सीट पर दावेदारों करने वाले उम्मीदवारों का आवेदन मांगा है. चर्चा है कि तोरपा सीट से झामुमो के पूर्व प्रत्याशी सुदीप गुड़िया, जीप अध्यक्ष मसीह गुड़िया, झापा से पूर्व प्रत्यासी सुभाष कोंगाड़ी, बिरजो कंडुलना (बानो के जीप सदस्य) मुख्य रूप से सीट पर दावेदारी की है. जबकि खूंटी सीट के लिए झामुमो के सेंट्रल कमेटी से जुड़े कई नेताओं ने अपना आवेदन दिया है. जिसमे प्रमुख स्नेहलता कंडुलना, जिला उपाध्यक्ष मगन मंजीत तिडू, जीप सदस्य गुलशन सिंह मुंडा, झामुमो का पूर्व प्रत्याशी सुशील पहान, शंकर सिंह मुंडा, विजय सांगा और नोतरोस पूर्ति शामिल हैं.

भाजपा की बात करें तो खूंटी सीट पर लगातार चुनाव जीतते रहे नीलकंठ सिंह उम्मदीवार हो सकते हैं, जबकि तोरपा से उम्मदीवार कौन होगा यह लिस्ट जारी होने के बाद ही खुलासा हो सकेगा, लेकिन खूंटी और तोरपा में कांग्रेस और झामुमो के बीच खींचतान बढ़ गयी है.

खूंटी और तोरपा सीट पर 18 अक्टूबर से नामांकन शुरू होगा और नामांकन की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है, जबकि नामांकन पत्रों की जांच 28 अक्टूबर और नाम वापसी 30 अक्टूबर है. यहां 13 नवंबर को पहले फेज का मतदान होना है. ऐसे में पार्टियों के पास समय कम है.

ये भी पढ़ें:

झारखंड विधानसभा चुनाव: कांग्रेस को क्यों कहा जा रहा है इंडिया ब्लॉक की कमजोर कड़ी?

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: इतिहास बदलेंगे हेमंत सोरेन, या परंपरा रहेगी कायम?

ABOUT THE AUTHOR

...view details