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सारठ में रणधीर की होगी जीत, या चुन्ना लगाएंगे सेंध - Jharkhand Assembly Elections 2024

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में सारठ सीट पर बीजेपी और झामुमो के बीच टक्कर मानी जा रही है. इस रिपोर्ट में जानिए पूरा समीकरण.

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : 3 hours ago

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Updated : 3 hours ago

JHARKHAND ASSEMBLY ELECTIONS 2024
डिजाइन इमेज (ईटीवी भारत)

देवघर:झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 के लिए सभी पार्टियां अपनी रणनीति बना रही हैं. सारठ विधानसभा सीट की बात करें तो इस बार सभी राजनीतिक पार्टियों की इस विशेष नजर है. क्योंकि इस विधानसभा सीट पर 80 के दशक से ही किसी एक पार्टी का दबदबा नहीं रहा है. यह विधानसभा सीट को प्रत्याशी विशेष सीट मानी जाती है. वर्तमान स्थिति की बात करें तो वर्ष 2019 में रणधीर सिंह ने पहली बार भाजपा की जीत का स्वाद चखाया. जबकि इससे पहले वर्ष 2014 में रणधीर सिंह जेवीएम से जीत दर्ज किए थे.

सारठ सीट पर बीजेपी और झामुमो के बीच टक्कर (ईटीवी भारत)

झारखंड गठन के बाद इस विधानसभा सीट पर पहली बार जेएमएम से शशांक शेखर भोक्ता ने जीत प्राप्त की थी. उन्होंने सारठ के दिग्गज नेता उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना बाबू को 13 हजार मतों से हराया था. जबकि चुन्ना सिंह वर्ष 1985 से वर्ष 2000 तक लगातार इस सीट से जीतते रहे. चुन्ना सिंह के बारे में कहा जाता है कि सारठ विधानसभा सीट पर उनकी व्यक्तिगत पकड़ है. वह इस विधानसभा सीट से निर्दलीय भी जीत चुके हैं. 2005 में उन्होंने शशांक शेखर भोक्ता को हराया था. 2019, 2014 और 2009 के विधानसभा चुनाव में वो लगातार दूसरे नंबर पर रहे.



सारठ विधानसभा क्षेत्र में आबादी की बात करें तो सारठ में सबसे ज्यादा पिछड़ी जाति की संख्या है, जिसमें दलित मंडल और महतो की संख्या करीब 23 प्रतिशत है. उसके बाद मुस्लिम और आदिवासी की संख्या करीब बीस-बीस प्रतिशत है. वहीं, अगड़ी जाति में भूमिहार दस प्रतिशत, राजपूत और ब्राह्मण की संख्या करीब पांच-पांच प्रतिशत है. हालांकि सारठ विधानसभा सीट से ज्यादातर प्रत्याशी भूमिहार होते हैं और जीतने वाले विधायक भी भूमिहार जाति से ही होते हैं. इसलिए यह माना जाता है कि भूमिहार वोटर कहीं ना कहीं निर्णायक भूमिका निभाते हैं.

सारठ सीट का इतिहास

वर्ष 2019 में सारठ विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नाम पार्टी प्राप्त मत
रणधीर सिंह बीजेपी 90895
उदय शंकर सिंह जेवीएम 62175
परिमल सिंह जेएमएम 25482
मुमताज अंसारी एआईएमआईएम 12830
वर्ष 2014 में सारठ विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नाम पार्टी प्राप्त मत
रणधीर सिंह जेवीएम 62717
उदय शंकर सिंह बीजेपी 48816
शशांक शेखर भोक्ता जेएमएम 43013
वर्ष 2009 में सारठ विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नाम पार्टी प्राप्त मत
शशांक शेखर भोक्ता जेएमएम 40282
उदय शंकर सिंह कांग्रेस 30862
वर्ष 2005 में सारठ विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नाम पार्टी प्राप्त मत
उदय शंकर सिंह राजद 66335
शशांक शेखर भोक्ता जेएमएम 51429
वर्ष 2000 में सारठ विधानसभा चुनाव परिणाम
प्रत्याशी का नाम पार्टी प्राप्त मत
शशांक शेखर भोक्ता जेएमएम 60 482
उदय शंकर सिंह बीजेपी 47016

2019 के विधानसभा चुनाव में झामुमो के प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके परिमल कुमार सिंह बताते हैं कि सारठ विधानसभा में झामुमो हमेशा ही मजबूत रहा है. यदि इस बार भी सही निर्णय के साथ प्रत्याशियों का चयन होता है तो निश्चित रूप से 2024 के चुनाव में झामुमो अपना झंडा लहराएगा. वहीं राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि जेएमएम से परिमल सिंह के साथ-साथ शशांक शेखर भोक्ता भी दावा ठोक रहे हैं.

सारठ विधानसभा से पांच बार विधायक रह चुके उदय शंकर सिंह उर्फ चुन्ना सिंह बताते हैं कि जनता के आदेश और उनके प्रेम की वजह से वह इस बार फिर सारठ विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे और उन्हें उम्मीद है कि इस बार सारठ की जनता उन्हें जीत जरूर दिलाएगी.

वहीं, समाजसेवी शालिग्राम मंडल बताते हैं कि सारठ में कई कई मूलभूत सुविधाएं अभी भी लोगों को मुहैया नहीं हो पाई हैं. जैसे सड़क,बिजली जैसी सुविधा से आज भी कई लोग महरूम है।वही उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार की विभिन्न योजनाएं कहीं ना कहीं लोगों को आकर्षित कर रही है।जैसे मंईयां योजना, छात्रवृत्ति योजना,कृषि माफी योजना से लोग संतुष्ट हैं। इसलिए यह अनुमान जताई जा रही है कि इस बार सारठ में जनप्रतिनिधि का परिवर्तन हो सकता है।

क्षेत्र के वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हरे कृष्णा मिश्रा बताते हैं कि वर्तमान विधायक रणधीर सिंह लगातार लोगों से मुलाकात कर रहे हैं और अपने पक्ष में वोट मांग रहे हैं. लेकिन सारठ विधानसभा में विपक्षी पार्टियों भी हमेशा ही मजबूत रही हैं. सिर्फ विपक्षी पार्टियां ही नहीं बल्कि चुन्ना सिंह फैक्टर भी सारठ विधानसभा में बहुत अहम माना जाता है.

अब देखने वाली बात होगी कि सारठ विधानसभा में भाजपा को पहली बार जीत का स्वाद चखाने वाले रणधीर सिंह सारठ विधानसभा के सारथी बनते हैं या फिर वर्ष 2000 और 2009 की तरह झामुमो की झोली में सारठ विधानसभा जाता है. राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि यदि चुन्ना सिंह उर्फ उदय शंकर सिंह मजबूती के साथ इस बार मैदान में उतरते हैं तो झामुमो और भाजपा को कहीं मात ना खानी पड़ जाए.

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