कोडरमा:विधानसभा चुनाव को लेकर रणभेरी बज चुकी है. प्रत्याशी भी अब जनता के बीच पहुंचना शुरू कर दिए हैं. भाजपा ने अपने मौजूदा विधायक नीरा यादव पर तीसरी बार दांव खेला है तो वहीं राजद भी अपने किले पर दोबारा काबिज होना चाहता है, लेकिन राजद की राह फिलहाल आसान नहीं दिख रही है. पिछले विधानसभा चुनाव में तीसरे नंबर पर रहने वाली शालिनी गुप्ता राजद और बीजेपी प्रत्याशी को पटखनी देने के लिए दमखम से चुनावी मैदान में उतर चुकी हैं. कोडरमा में कई निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी जीत की दावेदारी को लेकर ताल ठोक रहे हैं. हालांकि अभी तक किसी भी पार्टी के उम्मीदवार ने अपना नामांकन दाखिल नहीं किया है.
जानकार बताते हैं कि कोडरमा में पिछले कई दशकों से बीजेपी और आरजेडी के बीच सीधी टक्कर हो रही है. हालांकि अब तक राजद ने कोडरमा सीट से अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा नहीं की है, लेकिन यह तय माना जा रहा है कि मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद सुभाष यादव ही राजद के प्रत्याशी होंगे. कुल मिलाकर कहा जाए तो कोडरमा में त्रिकोणीय मुकाबला होता दिख रहा है. कोडरमा की जनता कैसा प्रत्याशी चाहती है और वर्तमान विधायक ने क्षेत्र में कितना काम किया हैं? इन सभी मुद्दों को लेकर ईटीवी भारत के संवाददाता ने लोगों से बातचीत की है.
कोडरमा की जनता का मूड
कोडरमा के युवाओं ने कहा कि जिले में शिक्षा, रोजगार और स्वास्थ्य के क्षेत्र में ज्यादा कुछ खास काम नहीं हो पाया है. मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. इंजीनियरिंग कॉलेज अभी तक चालू नहीं हुआ है. रोजगार के लिए अभी भी कई लोग पलायन करने को मजबूर हैं. कोडरमा में पत्थर और माइका उद्योग बंद पड़ा है.
वहीं, एक बुजुर्ग व्यक्ति का कहना है कि नीरा यादव पिछले दो बार से यहां की विधायक रही हैं. हालांकि जब झारखंड में बीजेपी की सरकार थी, तब के समय में नीरा यादव ने कोडरमा में विकास के कई काम किए थे लेकिन दूसरे टर्म में नीरा यादव ने कोडरमा के विकास के लिए कोई बेहतर काम नहीं किया है. जबकि कुछ लोगों ने बताया कि नीरा यादव ने कोडरमा के किसानों के लिए कोई काम नहीं किया है. नीरा यादव किसानों के लिए सिंचाई तक की व्यवस्था कराने में असफल रही हैं. साथ ही महंगाई और बेरोजगारी के मामले में भी नीरा यादव को दोषी ठहराया गया है.
महिलाओं के लिए रोजगार की कमी