हजारीबाग:झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 में कई ऐसे नेता हैं जो अपनी पार्टी से नाराज होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. इन्हीं में से एक हैं हर्ष अजमेरा जो बीजेपी से नाराज होकर निर्दलीय ताल ठोक रहे हैं. इन्होंने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि उन पर नामांकन वापस लेने और बैठ जाने को लेकर दबाव बनाया गया था. यही नहीं उनके साथियों पर भी चुनाव से दूर रहने का दबाव बनाया जा रहा था, उन्होंने स्पष्ट किया कि वह पूरे दमखम के साथ चुनावी मैदान में हैं और जो अफवाह फैलाया जा रहा है कि चुनावी दंगल में बैठ गए हैं यह सरासर गलत है.
हजारीबाग विधानसभा सीट पर बीजेपी से नाराज होकर हर्ष अजमेरा निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि नाम वापस लेने को लेकर उन पर दबाव बनाया जा रहा था. बुधवार को दिनभर इस दबाव के कारण परेशान भी रहे और उन्हें मोबाइल ऑफ करना पड़ा. इन्होंने कहा कि उनके कार्यकर्ता और समर्थकों पर भी दबाव है कि वह चुनावी प्रक्रिया से दूर रहे.
दरअसल हजारीबाग में चुनाव त्रिकोणीय होने की संभावना बनती जा रही है. भाजपा, कांग्रेस और अब निर्दलीय प्रत्याशी चुनावी दंगल में मुख्य रूप से हैं. हर्ष अजमेर ने कहा कि यह चुनाव अभिव्यक्ति विशेष बनता जा रहा है. मतदाता पार्टी से ऊपर उठकर मतदान करेंगे. जन आधार होने के कारण उम्मीदवार में भय का वातावरण बन गया है. यही कारण है कि कई तरह का दबाव बनाया जा रहा है. इन्होंने कहा कि सोशल मीडिया में भी भ्रमित करने वाली बातें सामने आ रही हैं. हर्ष ने यह भी खंडन किया है कि भारतीय जनता पार्टी से किसी भी प्रकार का डील नहीं हुई है. वे पूरी ताकत और दमखम के साथ चुनावी मैदान में रहेंगे. इन्होंने ईटीवी भारत से बात करते हुए कहा कि वे एक संस्था चलाते हैं जिसमें 3500 से अधिक सदस्य हैं. सभी के प्रयास और मेहनत से ही चुनाव लड़ा जा रहा है.