बोकारो:झारखंड विधानसभा चुनाव 2019 के दौरान बोकारो में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली. एक तरफ दो बार विधायक रह चुके बिरंची नारायण तो दूसरी तरफ एक बार हार चुकी कांग्रेस की श्वेता सिंह मैदान में थीं. चुनाव के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी श्वेता सिंह ने अपने प्रचार पर 13.51 लाख रुपये खर्च किए. जबकि बिरंची नारायण ने करीब 14.92 लाख रुपये खर्च किए थे. दोनों ही प्रत्याशी जनसभाओं और रैलियों के जरिए जनता तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. अब 2024 के विधानसभा चुनाव में दोनों फिर से मैदान में हैं, देखना यह है कि इस बार कौन कितना खर्च करता है और जीतता है.चुनाव आयोग को सौंपे गए अपने हलफनामों में उम्मीदवारों ने अपने चुनाव खर्च का ब्यौरा दिया है.
बिरंची नारायण का सबसे ज्यादा रहा चुनावी खर्चा
बीजेपी के उम्मीदवार बिरंची नारायण ने अपने चुनाव प्रचार में लगभग 14.92 लाख रुपये खर्च किए थे. उनके खर्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली में लगाए गए 3.34 लाख रुपये भी शामिल थे. इस अभियान के लिए उन्हें बीजेपी से 15 लाख रुपये की सहायता मिली थी.
कांग्रेस ने 13.51 लाख रुपये किए खर्च
2019 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार श्वेता सिंह ने अपनी चुनावी मुहिम पर कुल 13.51 लाख रुपये खर्च किए थे. उनका खर्च जनसभाओं, रैलियों, प्रचार सामग्री और सोशल मीडिया प्रचार में बंटा था. पार्टी ने उन्हें इस अभियान के लिए 10 लाख रुपये फंड मुहैया कराया, जबकि जनता से 99,500 रुपये सहयोग मिला और 3.31 लाख रुपये का निजी योगदान दिया गया.
जनसभा और रैली खर्च में कौन सबसे आगे?
श्वेता सिंह ने जनसभाओं और रैलियों पर 3.72 लाख रुपये खर्च किए. जबकि बिरंची नारायण ने प्रचार में 4.14 लाख रुपये लगाए. दोनों ने अपने-अपने तरीकों से जनता तक पहुंचने की कोशिश की, लेकिन बीजेपी की ओर से किए गए निवेश से बिरंची नारायण थोड़ा आगे है. लोगों का मानना है कि बीजेपी प्रत्याशी का टिकट क्लियर होने के कारण वह पहले से प्रचार कर रहे थे.