पाकुड़:जिले के पाकुड़िया और महेशपुर प्रखंड के 2 लाख 39 हजार 466 मतदाता वाले अनुसूचित जनजाति सुरक्षित महेशपुर विधानसभा सीट पर आगामी 20 नवंबर को मतदान है. जिला प्रशासन निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से चुनाव संपन्न कराने के लिए पूरी तरह से तैयारियों में जुटा हुआ है. इधर, इस सीट पर अब तक सत्ता और विपक्षी पार्टी द्वारा प्रत्याशी के नामों की घोषणा नहीं किए जाने को लेकर दोनों दलों के समर्थकों और कार्यकर्ताओं में चर्चा का माहौल बना हुआ है.
कार्यकर्ताओं में टिकट की चर्चा का माहौल
झारखंड मुक्ति मोर्चा के कई प्रमुख नेता जो पहले से खुद को प्रत्याशी बनाए जाने की संभावनाओं को लेकर अपने-अपने स्तर से तैयारी में जुटे हुए हैं. वहीं, भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों के प्रबल दावेदार ही नहीं कार्यकर्ता भी खुलकर तर्क देने लगे हैं कि यदि स्थानीय नेताओं को चुनाव में तवज्जो नहीं दिया गया तो फिर पार्टी को इसका परिणाम भुगतना होगा. झामुमो का एक तबका भी स्थानीय नेताओं के प्रत्याशी नहीं बनाए जाने पर बगावत का तेवर अपनाने का संकेत दे रहे है. ऐसे में इस चर्चा को बल मिल रहा है कि महेशपुर विधानसभा सीट पर होने वाले चुनाव में कार्यकर्ताओं की किचकिच कहीं झामुमो और भाजपा की चुनावी पिच खराब न कर दे.
प्रत्याशी के तौर पर इन नामों पर खास जोर
झामुमो के द्वारा स्थानीय विधायक प्रो. स्टीफन मरांडी की बेटी उपासना मरांडी को इस बार प्रत्याशी बनाए जाने की प्रबल संभावना है. भाजपा सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक महेशपुर सीट से पुलिस पदाधिकारी नवनीत एंथोनी हेम्ब्रम को बतौर प्रत्याशी मैदान में उतारने पर लगभग फैसला हो चुका है. अनुसूचित जनजाति सुरक्षित महेशपुर विधानसभा क्षेत्र के पाकुड़िया और महेशपुर प्रखंड में हाल के दिनों में सरकार की विकास और कल्याणकारी योजनाओं के उद्घाटन और शिलान्यास के दौरान विधायक प्रो. स्टीफन मरांडी के साथ उनकी बेटी उपासना मरांडी की लगातार मौजूदगी भी उपासना को प्रत्याशी बनाए जाने का साफ संकेत दे रहा है.