झालावाड़ :झालावाड़ के एक युवा ने तीन बड़ी भर्ती परीक्षाओं में पास होकर सफलता की एक नई इबारत लिख दी है. अकलेरा कस्बे के एक छोटे से गांव सरडा में किसान के यहां जन्मे शिवराज तंवर ने एक ही वर्ष में तीन प्रतियोगिता परीक्षाओं को क्रैक कर अपने माता-पिता और जिले का नाम रोशन किया है. शिवराज तंवर अब जिले के युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं.
सरकारी उपक्रमों में किया अध्ययन :सात भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर जन्में शिवराज तंवर के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी. परिवार में कोई सरकारी सेवा में भी नहीं था. ऐसे में उनकी शिक्षा गांव के प्राथमिक स्कूल से शुरू हुई. इसके बाद उच्च शिक्षा के लिए वह कक्षा 11वीं से झालावाड़ शहर पहुंचे, जहां सरकारी हॉस्टल में रहकर उन्होंने पढ़ाई की. बाद में सरकारी कॉलेज में दाखिला लेकर ग्रेजुएशन किया और राजकीय महाविद्यालय झालावाड़ से रसायन विज्ञान में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री ली.
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अच्छे अंक से पास की परीक्षाएं, मिली सरकारी मदद :शिवराज तंवर ने बताया कि उन्हें बचपन से ही अध्ययन का शौक था. ऐसे में प्राथमिक शिक्षा से लेकर हाई सेकेंडरी स्तर तक उन्होंने सभी परीक्षाएं अच्छे प्रतिशत अंकों से पास की. कक्षा आठ में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए, जिससे उनको सरकार की ओर से पारितोषिक के रूप में लैपटॉप दिया गया. वहीं, 10वीं में 81.5 प्रतिशत अंक, 12वीं कक्षा में भी 86.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किए.
कोचिंग पढ़ाने के साथ की सेल्फ स्टडी :बड़ा परिवार और कमजोर आर्थिक स्थिति होने के चलते शिवराज तंवर ने अपने बीएड ट्रेनिग सेशन के दौरान शेष बचे समय में कोचिंग पढ़ाने का निर्णय लिया. इसके साथ ही उन्होंने सेल्फ स्टडी भी जारी रखी. उन्होंने आज तक किसी भी प्रतियोगिता परीक्षा की कोई कोचिंग नहीं ली है. उन्होंने प्रतियोगिता परीक्षाओं को पास करने के लिए सेल्फ स्टडी को मूल मंत्र बताया.
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परीक्षा रद्द होने पर झेलना पड़ा मानसिक तनाव :शिवराज तंवर ने बताया कि उन्होंने कई प्रतियोगिता परीक्षा दी. इस बीच एलडीसी हाई कोर्ट परीक्षा और रीट 2021 में काफी अच्छे अंक थे, लेकिन वह परीक्षा भी रद्द हो गई. इससे उन्हें कई बार मानसिक तनाव से भी गुजरना पड़ा. इसके बावजूद वह अपने लक्ष्य को पाने के लिए डटे रहे और लगातार कंपटीशन की तैयारी करते रहे.
18 दिन में मिली दूसरी सरकारी नौकरी अब तीसरी की बारी :शिवराज की लगातार की गई मेहनत आखिरकार रंग लाई. 2023 में प्रयोगशाला सहायक पद पर उनका चयन हो गया और उन्हें मनोहर थाना कॉलेज में इस पद पर नियुक्ति मिल गई, लेकिन 18 दिन नौकरी करने के बाद उनका चयन प्रदेश की सबसे बड़ी परीक्षा तृतीय श्रेणी अध्यापक भर्ती में हो गया. अब 2024 में राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित वरिष्ठ अध्यापक भर्ती संस्कृत शिक्षा विभाग में विज्ञान विषय में शिवराज ने 22वी रैंक हासिल की है. ऐसे में अब उन्हें नियुक्ति का इंतजार है.
पुस्तक 'जीत आपकी' ने दी जीवन को नई दिशा :शिवराज तंवर ने बताया कि उन्हें बचपन से अध्ययन का शौक था. शिव खेड़ा की रचित एक पुस्तक 'जीत आपकी' का अध्ययन किया, जिसके बाद उनके जीवन में काफी बदलाव आया. जीवन में असफलता मिलने पर हार नहीं मानना चाहिए. असफलता से होकर सफलता का रास्ता जाता है, इसलिए हमें हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए. सफलता एक न एक दिन मिल ही जाती है.