पटना:गया केबेलागंज विधानसभा उपचुनावमें शानदार जीत के बाद जेडीयू की नवनिर्वाचित विधायक मनोरमा देवी के हौसले बुलंद हैं. शीतकालीन सत्र के पहले दिन शपथ ग्रहण के बाद उन्होंने अपनी जीत पर बड़ा बयान दिया है. पत्रकारों से बातचीत करते हुए जेडीयू विधायक ने कहा कि पहली बार आरजेडी सांसद सुरेंद्र यादव को टक्कर का उम्मीदवार मिला, जिसका परिणाम सामने है.
क्यों लगातार जीतते थे सुरेंद्र यादव?:बेलागंज सीट पर 3 दशक से सुरेंद्र यादव की बादशाहत थी लेकिन इस बार मनोरमा देवी ने उनसे ये सीट छीन ली. जेडीयू विधायक ने खुद बताया कि कैसे यह कमाल हो पाया? उन्होंने कहा कि असल में सुरेंद्र यादव को पहले कोई टक्कर का कैंडिडेट ही नहीं मिलता था, जिस वजह से वह जीत जाते थे लेकिन इस बार मेरे आने के बाद बाजी पलट गई और उनके बेटे की करारी हार हुई.
बेलागंज की जेडीयू विधायक मनोरमा देवी (ETV Bharat) "उनका टक्कर का कैंडिडेट ही नहीं मिल रहा था. इस बार ईश्वर की कृपा से कैंडिडेट से मिला तो क्षेत्र की जनता ने मुझ पर और मेरी सरकार पर विश्वास कर वोट किया. मुझे सभी जाति-धर्म के लोगों का वोट मिला. क्षेत्र की जनता को बधाई देती हूं."- मनोरमा देवी, जेडीयू विधायक, बेलागंज
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ मनोरमा देवी (ETV Bharat) बेलागंज में चला मनोरमा का सिक्का:आपको बताएं कि जनता दल यूनाइटेड ने बेलागंज उपचुनाव में पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी को अपना उम्मीदवार बनाया था. सुरेंद्र यादव की तरह ही मनोरमा देवी भी यादव जाति से आती हैं. जिस वजह से उनको एनडीए के कोर वोटर्स के अलावे यादवों का भी वोट मिला. उनका दावा है कि मुसलमानों ने भी उनको दिल खोलकर वोट किया है. इस सीट पर मनोरमा देवी ने सुरेंद्र यादव के बेटे विश्वनाथ कुमार सिंह को करारी शिकस्त दी है. उन्होंने 21391 वोटों से जीत हासिल की है.
ये भी पढ़ें:बेलागंज में ढहा सुरेंद्र यादव का 32 साल पुराना 'किला', जानें करारी हार की बड़ी वजह