पटना: बिहार चुनाव 2025 को लेकर आज पटना में जेडीयू की बैठकहोगी. हाल में जनता दल यूनाइटेड में संगठन लेवल पर बड़े पैमाने पर बदलाव किए गए हैं. राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा की अध्यक्षता में होने जा रही इस बैठक को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. आगामी चुनाव के लिए पार्टी की क्या रणनीति होगी, संगठन के साथियों के साथ उस पर मंथन होगा. साथ ही पार्टी जिन सीटों पर चुनाव लड़ेगी, उम्मीदवारों के चयन को लेकर भी चर्चा की जाएगी और फीडबैक लिया जाएगा.
प्रदेश कार्यालय में नेताओं से मिले सीएम: इस बैठक से पहले रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी जेडीयू प्रदेश कार्यालय गए थे. जहां उन्होंने पार्टी के कई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. इस दौरान पार्टी के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष सह राज्यसभा सांसद संजय झा, मंत्री अशोक चौधरी, विधान पार्षद संजय कुमार सिंह 'गांधी जी' और विधान पार्षद ललन सर्राफ सहित अन्य पदाधिकारी और कार्यकर्ता मौजूद थे.
संगठन में मूलचूल परिवर्तन के बाद पहली बड़ी बैठक: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान संभालने और संजय झा को कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के बाद राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर पर संगठन में मूलचूल परिवर्तन किया गया है. उसके बाद बिहार प्रदेश की यह महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है. बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे. 2025 विधानसभा चुनाव को लेकर सभी नेताओं को टास्क दिया जाएगा.
लोकसभा चुनाव में जेडीयू की मजबूती:लोकसभा चुनाव में बिहार में एनडीए को 40 में से 30 सीट पर जीत मिली है. जेडीयू और बीजेपी को 12-12 सीटों पर जीत हासिल हुई है. एनडीए के शानदार प्रदर्शन के लिए नीतीश कुमार को क्रेडिट मिल रहा है. केंद्र सरकार में भी इस बार जेडीयू शामिल है. केंद्र सरकार से बिहार को इस बार बजट में कई पैकेज मिला है. साथ ही केंद्र बिहार सरकार की ओर से जो काम हो रहे हैं, उसे जनता के बीच ले जाने की भी रणनीति तैयार होगी. जिसका लाभ विधानसभा चुनाव में मिल सके तो ऐसे कई बिंदु हैं, जिस पर पार्टी नेताओं की तरफ से रणनीति तैयार होगी और उसे बूथ स्तर तक कार्यान्वित करने के लिए काम किया जाएगा.
173 विधानसभा सीटों पर एनडीए की बढ़त: लोकसभा चुनाव में 173 विधानसभा क्षेत्र में एनडीए को बढ़त मिली है. 2025 विधानसभा चुनाव नीतीश कुमार के नेतृत्व में ही एनडीए लड़ेगा, यह भी तय है. जेडीयू को लग रहा है कि अगली सरकार फिर से एनडीए की बनना तय है और नीतीश कुमार 5 साल के लिए मुख्यमंत्री बने रहेंगे. इसलिए जेडीयू अपनी दावेदारी कहीं कमजोर न हो, इस रणनीति पर काम कर रहा है. इसके साथ झारखंड विधानसभा का चुनाव भी होना है. जेडीयू झारखंड में बीजेपी के साथ तालमेल करने की कोशिश कर रहा है. अगर तालमेल नहीं भी हुआ, तब भी जेडीयू चुनाव लड़ेगा और पार्टी के कई नेताओं को जिम्मेवारी दी जा सकती है.