जया एकादशी के दिन इस विधि से कीजिए पूजा, मिलेगा लक्ष्मी और विष्णु का आशीर्वाद
Jaya Ekadashi 2024 एक साल में 24 से 26 एकादशी पड़ती है. हर एकादशी का अपना एक अलग महत्व है. इनमें से ही एक एक जया एकादशी है. जया एकादशी को लेकर मान्यता है कि इस दिन व्रत करने से इंसान को सभी दुखों से मुक्ति मिलती है. तो आइये जानते हैं जया एकादशी की पूजन विधि, शुभ मुहुर्त और महत्व क्या है.
रायपुर: आज जया एकादशी मनाई जा रही है. जया एकादशी माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को मनाई जाती है. इस दिन पूरी श्रद्धा के साथ भगवान विष्णु की पूजा और व्रत किया जाता है. जया एकादशी के व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी तिथि में किया जाता है. जया एकादशी को लेकर मान्यता है कि इस व्रत से मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु दोनों का आशीर्वाद मिलता है. साथ ही इंसान को सभी दुखों से मुक्ति मिलती है.
जया एकादशी का शुभ मुहुर्त: मंगलवार 20 फरवरी को जया एकादशी का व्रत रखा जाएगा. हिंदू पंचांग के मुताबिक, एकादशी तिथि की शुरुआत 19 फरवरी की सुबह 8:50 पर होगी और 20 फरवरी को 9:52 तक रहेगी. इसके बाद द्वादश तिथी लग जाएगी. उदया तिथि की मान्यता के अनुसार, यह व्रत 20 फरवरी दिन मंगलवार को रखा जाएगा. व्रत का पारण 21 फरवरी को किया जाएगा.
जया एकादशी पर बन रहे तीन योग:जया एकादशी के दिन आयुष्मान योग के साथ ही त्रिपुष्कर योग और प्रीति योग भी बन रहा है. जया एकादशी का व्रत करने से व्रत करने वालों को इसका विशेष फल मिलता है. भगवान विष्णु के आशीर्वाद से उनके घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होती.
पितरों को होती है मोक्ष की प्राप्ति: जया एकादशी के दिन व्रत करने वाले लोग भगवान विष्णु की पूजा माधव स्वरूप में करते हैं. इस व्रत को करने से आपके पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है. आपके लिए भी परलोक का रास्ता तय होता है. इस व्रत के महत्व के बारे में बताते हुए स्वयं भगवान कृष्ण ने युधिष्ठिर को कहा था कि इस दिन का उपवास करने से व्यक्ति को ब्रह्म हत्या का पाप भी नहीं लगता.
जया एकादशी व्रत की पूजन विधि: जया एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठे और स्नान के बाद साफ कपड़े पहनकर केले के वृक्ष की पूजा करें और उस पर जल अर्पित करें. इसके बाद पूजा करके भगवान विष्णु को पीले फल, पीले मिष्ठान, पीले वस्त्र आदि दान करें. भगवान की धूप-दीप से आरती करें और तुलसी के साथ पंचामृत का भोग लगाए. भगवान विष्णु के मंत्रो का जाप करें. साथ ही मां लक्ष्मी की पूजा करें. जया एकादशी के व्रत की कथा का पाठ करें. इस दिन अनाज और फलों का भी दान करना चाहिए.