पंचकूला: नवोदय विद्यालय में दाखिला मिलने पर बच्चे को अच्छी शिक्षा वो भी निःशुल्क मिल जाती है. यही कारण है कि लोग अपने बच्चे के उज्जवल भविष्य के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय में दाखिला कराने के लिए काफी मशक्कत करते हैं. कुछ लोग तो अपने बच्चे का एडमिशन नवोदय विद्यालय में करा लेते हैं. हालांकि कई लोग जानकारी न होने के कारण चूक जाते हैं. तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि नवोदय विद्यालय में दाखिले का प्रोसेस क्या है?
इस आधार पर होता है चयन:दरअसल, नवोदय विद्यालय में दाखिला पाने के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा देनी पड़ती है. यह परीक्षा कक्षा 6 और 9 में दाखिले के लिए होती है. जबकि कक्षा 11 में दाखिले के लिए 10वीं की बोर्ड परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर बच्चे का सिलेक्शन होता है.
छठी से 12वीं कक्षा तक शिक्षा:हरियाणा के लगभग हर जिले में जवाहर नवोदय विद्यालय है. यहां कक्षा छठी से बारहवीं तक शिक्षा दी जाती है. जवाहर नवोदय विद्यालय यानी कि जेएनवी में दाखिले के लिए छात्रों को पांचवी कक्षा में पढ़ाई के दौरान आवेदन करना होता है. फॉर्म भरने का समय तीन महीने (सितंबर से नवंबर) तक दिया जाता है. इसके बाद हर साल जनवरी में प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है. बोर्ड की ओर से ग्रीष्मकालीन और शीतकाल के अनुसार स्कूलों को बांटा गया है. नतीजतन एक साल में दो बार प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है.
2 घंटे की परीक्षा में 80 प्रश्नों का हल: पंचकूला के मौली स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के प्रिंसिपल रूप चंद ने बताया, "परीक्षा का समय 2 घंटे का रहता है. इस समय में छात्रों को 80 प्रश्नों के सही जवाब लिखना पड़ता है. प्रश्न पत्र में तीन विषयों पर आधारित प्रश्न आते हैं. इनमें रीजनिंग, गणित और भाषा संबंधी सवाल पूछे जाते हैं."
कक्षा नौवीं और 11वीं में दाखिले की परीक्षा: प्रिंसिपल रूप चंद ने आगे कहा, "कक्षा नौवीं और 11वीं में दाखिला लेने के लिए हर साल नवंबर महीने में परीक्षा आयोजित की जाती है. इस परीक्षा का नाम लेटरल एंट्री एग्जाम होता है. इसके लिए भी हर साल अक्टूबर से नवंबर तक आवेदन करना होता है. इसके लिए कक्षा आठवीं और दसवीं में पढ़ाई करने के दौरान बच्चों को आवेदन करना होता है."
फरवरी के दूसरे शनिवार को परीक्षा: लेटरल एंट्री एग्जाम के लिए भी 2 घंटे का समय दिया जाता है. यह परीक्षा हर साल फरवरी महीने के दूसरे शनिवार को आयोजित की जाती है.