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जश्न-ए-अदब साहित्योत्सव का आज से आगाज, नामी कलाकारों की सजेगी महफिल - JASHN E ADAB LITERARY FESTIVAL - JASHN E ADAB LITERARY FESTIVAL

इण्डियन इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) लोधी रोड में शनिवार को जश्न-ए-अदब साहित्योत्सव के कल्चरल कारवां की शुरुआत हो रही है. ये आयोजन रविवार 25 अगस्त तक चलेगा. इस आयोजन में कला, संस्कृति और साहित्य क्षेत्र के नामी गिरामी कलाकर शिरकत कर रहें हैं.

जश्न-ए-अदब साहित्योत्सव का आयोजन
जश्न-ए-अदब साहित्योत्सव का आयोजन (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 24, 2024, 6:05 PM IST

नई दिल्ली:जश्न-ए-अदब साहित्योत्सव के कल्चरल कारवां विरासत के 13वें स्थापना दिवस का आयोजन शनिवार से शुरू हो रहा है. दो दिवसीय चलने वाले इस साहित्योत्सव कारवां का समापन 25 अगस्त रविवार को होगा. हिंदुस्तानी सांस्कृतिक विरासत को बयां करती जश्न-ए- अदब के कारवां- विरासत 2024 के इस अध्याय में प्रदर्शन और प्रस्तुतियां पहले की तुलना में अधिक व्यापक हैं.

कला, संस्कृति और साहित्य का ये दो दिवसीय भव्य आयोजन दर्शकों को बांधे रखेगा. इसमें कई जाने माने कलाकारों को सुनने का मौक़ा मिलेगा. साथ ही कवि सम्मेलन और मुशायरे और बातचीत का सत्र चलेगा. इनमें मोती ख़ान, ऋचा जैन, विद्या शाह, यश गुलाटी, साहिल आघा, ऋचा जैन एवं समूह द्वारा कथक प्रस्तुति दी जाएगी. अरविंद गौड़ द्वारा निर्देशित और असगर वजाहत द्वारा लिखित नाटक 'जिस लाहौर नई देख्या ओ जम्याई नहीं' की प्रस्तुती की जाएगी.

हिंदुस्तानी कला शांत और उपचारात्मक है

वहीं, कविता सेठ द्वारा लोक गायन निज़ामी बंधुओं की कव्वाली, गुलाम अब्बास खान द्वारा गजल गायन किया जाएगा. उर्दू कवि और जश्न-ए-अदब फाउंडेशन के संस्थापक कुंवर रणजीत चौहान ने साहित्योत्सव कारवां के बारे में बताया कि "हिंदुस्तानी कला, संस्कृति और साहित्य स्वाभाविक रूप से सदाबहार है. वर्तमान परिदृश्य में जब जीवन विशेष रूप से युवाओं के लिए बहुत तनावपूर्ण है, हिंदुस्तानी कला शांत और उपचारात्मक है. इन दिनों बहुत से युवा हिंदी और उर्दू में समृद्ध रचनाओं को समझने का प्रयास कर रहे हैं. प्रामाणिक प्लेटफार्मों और कलाकारों तक पहुंचने के लिए डिजिटल माध्यम की शक्ति का उपयोग कर रहे हैं. उनकी रुचि हिंदुस्तानी कला को और अधिक सशक्त बनाने में मदद कर रही है. हमारे समय के महान कलाकार साहित्योत्सव कारवां के 13 वें स्थापना दिवस का हिस्सा बनकर हमारी संस्कृति सम्मानित कर रहे हैं.

जश्न-ए-अदब सांस्कृतिक कारवां में प्रवेश निःशुल्क

हिंदुस्तानी साहित्य, कला और संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सबसे बड़े आयोजनों में से एक जश्न-ए-अदब साहित्योत्सव है, जो मूल रूपों और भावना को संरक्षित और पोषित करने का प्रयास करता है. जश्न-ए-अदब सांस्कृतिक कारवां और विरासत में इच्छुक दर्शकों के लिए प्रवेश निःशुल्क है, यहां टिकट की आवश्यकता नहीं है.इसका आयोजन इण्डियन इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी) लोधी रोड में किया जा रहा है.

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