जयपुर: छोटी काशी में कृष्ण जन्माष्टमी पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. मंदिरों में रंग-रोगन से लेकर साज-सज्जा का दौर जारी है. शहर आराध्य गोविंददेव जी मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के तहत 13 दिवसीय उत्सवों की शुरुआत 12 अगस्त से होगी. 25 अगस्त तक 25 से ज्यादा मंडलों की ओर से प्रस्तुतियां दी जाएंगी. 26 अगस्त को जन्माष्टमी उत्सव और नंदोत्सव 27 अगस्त को मनाया जाएगा.
गोविंदा की नगरी में आराध्या गोविंद देव जी मंदिर, राधादामोदर जी, गोपीनाथ जी, आनंदकृष्ण बिहारी, इस्कॉन, कृष्ण बलराम मंदिर में जन्माष्टमी पर विशेष कार्यक्रम होंगे. रोजाना कई झांकियां सजाई जाएंगी. इनमें विशेष फूल बंगले और शृंगार झांकी प्रमुख होंगी. गोविंद देव जी मंदिर प्रबंधक मानस गोस्वामी ने बताया कि गोविंददेव जी मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी के तहत 13 दिवसीय उत्सव होंगे.
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देश की प्रमुख कीर्तन मंडलियां भजनों के जरिए कृष्ण का गुणगान करेंगी. वहीं झांकियों के समय में भी बदलाव किया जाएगा. कृष्ण जन्माष्टमी उत्सव के अंतर्गत मंदिर में विभिन्न मंडलों की ओर से सुबह हरिनाम संकीर्तन-भजन संध्या और शाम 7:00 से रात 8:30 बजे तक ठाकुरजी की झांकी के समक्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे. इस दौरान ठाकुरजी के विशेष बंगले सजाए जाएंगे. इन आयोजनों का श्रीगणेश 12 अगस्त को सुबह अष्ट प्रहर हरिनाम कीर्तन के साथ होगा.
जन्माष्टमी महोत्सव के तहत भजनों के कार्यक्रम: उत्सव के पहले दिन 12 अगस्त को बंगाली कीर्तन मंडल के भक्त ठाकुरजी के समक्ष संगीतमय हरिनाम संकीर्तन करेंगे. 13 अगस्त को शाम को गिरिराज परिक्रमा मंडल की ओर से भजन संकीर्तन, 14 अगस्त को सुबह एसएमएस ब्लड बैंक की ओर से भजन संकीर्तन होगा. 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के दिन सुबह गोविंद की गईया संकीर्तन मंडल, 16 अगस्त को गौर गोविंद महिला मंडल सुबह और त्रिवेणी सत्संग मंडल शाम को भजन संकीर्तन में अपनी हाजिरी देंगे. 17 अगस्त को मंदिर में 64 महंत भोग का विशेष कार्यक्रम होगा. इसी दौरान गोपीनाथ महिला मंडल की ओर से भजन संकीर्तन रहेगा. रात को शयन झांकी से मंगला झांकी तक बरसाना की रजनी चतुर्वेदी ठाकुरजी की पदवंदना करेंगी. 18 अगस्त नारायण नाम संकीर्तन मंडल, 19 अगस्त को जगद्गुरु रामानंद संकीर्तन मंडल कार्यक्रम होगा.