जमुईःवो झारखंड तो गया था अपना भविष्य संवारने, सिपाही की नौकरी पाकर वो अपने परिवार को खुशियां देना चाहता था लेकिन कुप्रबंधन और अव्यवस्था ने उसकी जान ले ली और इसके साथ ही एक परिवार को दे दिया जिंदगी भर का दर्द. जी हां, जमुईके गोविंद कुमार की झारखंड उत्पाद सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए हुई दौड़ के दौरान मौत हो गयी.
जीवन की आखिरी दौड़ःगोविंद कुमार जमुई जिले के गिद्धौर थाना इलाके के गंगरा गांव के रहनेवाले अजय सिंह का पुत्र था. गोविंद झारखंड के गिरिडीह में आयोजित उत्पाद सिपाही भर्ती परीक्षा में दौड़ने के लिए गया हुआ था. लेकिन उसकी वो दौड़ जिंदगी की आखिरी दौड़ बन गयी. दौड़ने के दौरान गोविंद की तबीयत बिगड़ी.जिसके बाद उसे गिरिडीह के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. प्राथमिक उपचार के बाद उसे धनबाद रेफर किया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी.
सरकारी अव्यवस्था ने छीन लीं परिवार की खुशियांःमृतक गोविंद कुमार के पिता अजय कुमार सिंह पुत्र की मौत के बाद गहरे सदमे में हैं और सरकारी व्यवस्था को इसका जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. अजय सिंह का कहना है कि अगर कड़ी धूप में दौड़ नहीं करवाई होती तो मेरा बेटा आज मेरे घर में होता. मृतक के परिजनों ने झारखंड सरकार से मुआवजे की भी मांग की.