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जमात-ए-इस्लामी हिंद ने बांग्लादेशी में शांति बहाल और हिंसा समाप्त करने की अपील की - Bangladesh violence - BANGLADESH VIOLENCE

Jamaat-e-Islami Hind on Bangladesh Unrest: जमात-ए-इस्लामी हिंद ने बांग्लादेश के शीर्ष अधिकारियों से बांग्लादेश में शांति बहाल और हिंसा समाप्त करने की अपील की है.

जमात-ए-इस्लामी हिंद
जमात-ए-इस्लामी हिंद (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 6, 2024, 7:21 PM IST

नई दिल्ली:बांग्लादेश में आरक्षण विरोधी प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के बाद पीएम शेख हसीना को देश छोड़ कर भागना पड़ा. वहीं, अब बांग्लादेश की स्थिति को लेकर अलग-अलग बयान आ रहे हैं. जमात-ए-इस्लामी हिंद के अध्यक्ष सैयद सदातुल्लाह हुसैनी ने बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों से देश में शांति और स्थिरता बहाल करने की अपील की है.

सैयद सआदतुल्लाह हुसैनी ने कहा कि जमात-ए-इस्लामी हिंद बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति और क्षेत्र पर इसके दूरगामी परिणामों पर गहरी चिंता व्यक्त करती है. बांग्लादेश में वर्तमान अशांति शेख हसीना सरकार की तानाशाही और शासन के प्रति कठोर दृष्टिकोण का परिणाम है. जनवरी 2024 में बांग्लादेश का चुनाव अनुचित प्रथाओं के व्यापक आरोपों से प्रभावित था, जिसके कारण संपूर्ण विपक्ष ने चुनावी प्रक्रिया का बहिष्कार किया था. इससे लोकतंत्र की बुनियाद कमजोर हुई और राजनीतिक व्यवस्था में जनता का विश्वास खत्म हुआ.

इसके अतिरिक्त, प्रतिशोध की राजनीति द्वारा असहमति की आवाजों को दबाने के लिए पिछली सरकार के प्रयास बेहद परेशान करने वाले थे. प्रमुख विपक्षी नेताओं को अन्यायपूर्ण तरीके से जेल में डाला गया, जिससे लोकतांत्रिक संवाद बाधित हुआ और राजनीतिक तनाव बढ़ा. सैयद हुसैनी ने आगे कहा कि प्रदर्शनकारी छात्रों के प्रति शेख हसीना सरकार की प्रतिक्रिया युद्ध जैसी स्थिति में इस्तेमाल किए जाने वाले उपायों के समान दमनकारी थी.

जमात-ए-इस्लामी हिंद बांग्लादेश के शीर्ष अधिकारियों से आग्रह करती है कि वे देश में शांति और स्थिरता बहाल करने के लिए तत्काल कोई निर्णायक कार्रवाई करें, जिस पर लोगों का विश्वास हो. इस अवधि के दौरान सभी पीड़ित लोगों को न्याय मिलना चाहिए. अंतरिम सरकार को बिना किसी देरी के लोकतांत्रिक प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए, ताकि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हो सकें. मीडिया में आई खबरों से पता चलता है कि उपद्रवी तत्व इस अशांति का फायदा उठाकर सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं. साथ ही निर्दोष नागरिकों, विशेषकर अल्पसंख्यक समुदायों के लोगों पर अत्याचार कर रहे हैं. हम इसकी स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं.

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