लखनऊ : गांव के हर घर तक नल कनेक्शन पहुंचाने में अहम भूमिका निभाने और उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों और एजेंसियों को जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने मंगलवार को सम्मानित किया. जल जीवन मिशन द्वारा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित कार्यक्रम में जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने आह्वान किया कि आप सबको गांव के हर घर तक नल कनेक्शन पहुंचाना है. जिससे 2027 के विधानसभा चुनावों में जल जीवन मिशन के बदौलत हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के के नेतृत्व में चुनाव लड़ सकें. 2027 में तक प्रदेश का एक भी गांव या घर बिना नल कनेक्शन के न रहे. गांव के लोग नल कनेक्शन पहुंचने पर एकतरफा मुहर लगाकर दोबारा भाजपा की सरकार बनाने का काम करें. ये मेरा सपना है और इस सपने को आप सभी को पूरा करना है.
जलशक्ति मंत्री ने कहा कि 2022 में जब उन्हें विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई तो उत्तर प्रदेश रैंकिंग निचले स्तर पर था. मगर अधिकारियों और कर्मचारियों की कार्यकुशलता के चलते उत्तर प्रदेश देश में सबसे अधिक नल कनेक्शन देने वाला राज्य बन गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश नल कनेक्शन देने में टॉप स्थान पर है.
जल्द ही प्राप्त करेंगे 100 प्रतिशत का लक्ष्य:जलशक्ति मंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन की पूरी टीम ने एक परिवार की तरह काम करते हुए प्रदेश के 2 करोड़ 26 लाख से अधिक घरों तक नल कनेक्शन पहुंचाया है. अब तक 86 प्रतिशत घरों में नल कनेक्शन दिया जा चुका है. कार्यक्रम के दौरान जलशक्ति राज्यमंत्री रामकेश निषाद ने कहा कि पहले बुंदेलखंड में ट्रेन से पानी आता था. अब हर घर तक नल कनेक्शन पहुंचाकर पानी की सप्लाई हो रही है. जिससे स्थानीय लोगों के जीवन में सुधार हुआ है.
यूपी ने सबसे कम लागत में घर-घर तक पहुंचाया नल कनेक्शन:कार्यक्रम के दौरान नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के अपर मुख्य सचिव अनुराग श्रीवास्तव ने जल जीवन मिशन में यूपी की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा कि सबसे अधिक कनेक्शन देने के साथ-साथ उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे कम लागत पर घर-घर नल कनेक्शन पहुंचाने वाला राज्य है. इतना ही नहीं, प्रदेश की 80 प्रतिशत से अधिक परियोजनाएं सोलर पर आधारित है. ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के एमडी डॉ. राजशेखर ने कहा कि कनेक्शन देने के साथ-साथ परियोजनाओं को सोलर आधारित करने से हर साल बिजली बिल में करोड़ों रूपये की बचत होगी.