धमतरी : छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में शनिवार को जल संरक्षण को लेकर ऐतिहासिक आयोजन किया गया. रविशंकर जलाशय गंगरेल बांध में आयोजित जल जगार महोत्सव के शुभारंभ समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए. इस कार्यक्रम में विदेशों से भी डेलीगेट्स धमतरी के गंगरेल बांध पहुंचे और कार्यक्रम में शामिल हुए.
"जल जगार महोत्सव से सकारात्मक परिवर्तन" : जल जगार महोत्सव के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, पानी का अधिक दोहन हो रहा है, लेकिन जल संरक्षण पर ध्यान नहीं दिया जाता. धमतरी जिले में भी जल स्तर काफी नीचे जा रहा था. किन्तु जल जगार महोत्सव से सकारात्मक और क्रांतिकारी परिवर्तन आया है, जिसके लिए जिला प्रशासन बधाई का पात्र है.
जल जगार महोत्सव में पहुंचे मुख्यमंत्री साय (ETV Bharat)
जल और पर्यावरण संरक्षण के लिए जिला प्रशासन द्वारा जल जगार महोत्सव मनाया जा रहा है, जो अनुकरणीय पहल है. कोई भी व्यक्ति अगर बड़ा करने की ठान ले तो यह कोई बड़ी बात नहीं है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जल जीवन मिशन के तहत हर घर जल पहुंचाने का कार्य किया. इसे घर तक गुणवत्तापूर्ण तरीके से पहुंचाने का कार्य हमारा है. : विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री, छ्त्तीसगढ़
सीएम ने मां के नाम पेड़ लगाने का किया आह्वान : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, माओवाद प्रभावित क्षेत्र के आदिवासियों के लिए 'नियद नेल्लानार योजना' चलाई जा रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल रहे हैं. नक्सलवाद का खात्मा करने सरकार प्रतिबद्ध है. प्रधानमंत्री के 2047 के विकास का सपना साकार करना है. इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को मां के नाम पेड़ लगाने का आह्वान भी किया.
मुख्यमंत्री ने माता अंगारमोती को किया चुनरी दान : मुख्यमंत्री साय ने रविशंकर जलाशय गंगरेल बांध में मानव वन के समीप क्षेत्र की आराध्य देवी मां अंगारमोती मंदिर के दर्शन किया. प्रदेश के मुख्यमंत्री ने माता को 108 मीटर लंबी लाल चुनरी भेंट की. उन्होंने माता की प्रतिमा की पूजा अर्चना करते हुए डेढ़ करोड़ प्रदेशवासियों की मंगल कामना की और नतमस्तक होकर आशीर्वाद मांगा.
देश विदेश के नीति निर्माताओं का लगा जमावड़ा :धमतरी के जल जगार महोत्सव में देश विदेश के नीति निर्माता, पर्यावरणविद, विशेषज्ञ और राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल हुए और जल संचय व जल संरक्षण पर संवाद किया. उन्होंने यहां आयोजित अंतरराष्ट्रीय जल सम्मेलन के प्रथम दिवस जल संचय और जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित किया. साथ ही अपने-अपने क्षेत्रों के सफल कार्यों की कहानी साझा की. उनके प्रभावी उपायों पर गहनता से विचार विमर्श करने के साथ ही धरातल पर उतारने की कार्ययोजना भी तय किया.
डेढ़ सौ से अधिक ड्रोन ने बिखेरी रंगीन छटा : जल जगार महोत्सव के पहले दिन आसमान से कहानी इवेंट के माध्यम से डेढ़ सौ से अधिक ड्रोन कैमरों ने मनमोहक प्रदर्शन किया. ड्रोन ने आसमान में जल जगार शब्द, प्राकृतिक दृश्य और भारत का नक्शा उकेरकर कर लोगों का मन मोह लिया. जिले में हो रहे इस प्रकार की पहले विशेष महोत्सव का लोगों ने खूब आनंद उठाया.