गर्मियों में गंगरेल बांध को सूखने से बचाने नई पहल, जल जगार उत्सव मनाएगा प्रशासन, जानिए - Jal Jagar campaign - JAL JAGAR CAMPAIGN
गर्मी के मौसम में देश के अधिकांश हिस्सों में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर लेती है. प्रदेश के सभी जलाशय और बांध इस समस्या से अछूते नहीं है. राजधानी रायपुर, भिलाई सहित अन्य जिलों को साल भर पानी उपलब्ध कराने वाला धमतरी जिले का गंगरेल डेम भी गर्मीयों में सूखे की चपेट में आ जाता है. इस समस्या को ध्यान में रखते हुए धमतरी में जल जगार उत्सव मनाने की तैयारी है. आइए समझे कि यह उत्सव जल संरक्षण की दिशा में कितना कारगर होगा.
रायपुर :गर्मी के मौसम में धमतरी जिले के गंगरेल बांध को सूखने से बचाने और पानी की समस्या से निपटने के लिए धमतरी जिला प्रशासन नई पहल करने जा रही है. गंगरेल बांध को सूखने से बचाने के लिए धमतरी कलेक्टर नम्रता गांधी ने जिले में नारी शक्ति से जल शक्ति अभियान के तहत जल जगार उत्सव मनाने की योजना बनाई है.
जल जगार उत्सव का उद्देश्य : जल संरक्षण की दिशा में 'जल जगार उत्सव' धमतरी जिला प्रशासन नई पहल है. इस उत्सव को मनाने का मुख्य उद्देश्य रैन वाटर हार्वेस्टिग, रूफटर्फ वाटर और वेस्ट वाटर मेनेजमेंट के जरिए शुद्ध पानी को भूमि के अंदर भेजना है. सीधे शब्दों में कहें तो ग्राउंड वाटर को रिचार्ज करने के लिए जल जगार उत्सव के जरिए लोगों को जागरूक करना है. इस अभियान के तहत जिले के 4 विकासखंडों के 5-5 ऐसे गांव, जिनमें पानी की समस्या रहती है, उनका चयन किया जाएगा. जिसके बाद चरणबद्ध तरीके से योजना पर काम किया जाएगा.
कार्यशाला और बैठक का आयोजन :इसके पहलेचरण में भारत सरकार की जल शक्ति मंत्रालय के विशेषज्ञों के सहयोग से जिला स्तरीय अधिकारियों की 3 दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई. जहां जल शक्ति मंत्रालय के विशेषज्ञों ने भू जल मुद्दों से निपटने की तकनीकों के बारे में जानकारी साझा की. दूसरे चरण में जिले में संचालित सभी निजी स्कूलों, हॉस्पिटलों, रेस्टोरेंट सहित बड़े भवन के समीप 15 जून 2025 तक अनिवार्य रूप से रेन वाटर हार्वेस्टिंग और रूफटर्फ वाटर स्ट्रक्चर बनाने के निर्देश दिये गये हैं.
कुरूद के नवागावं (थुहा) से हुई शुरूआत :कुरूद विकासखंड के नवागांव थुहा से 'जल जगार कार्यक्रम' की शुरूआत की गोई. जहां ग्रामीणों ने एक स्वर में जल संरक्षण की शपथ ली. इस अवसर पर गांव में जल संरक्षण की दिशा में अच्छा काम करने वाले ग्रामीणों को सम्मानित भी किया गया. गांव में अन्य लोगों को भी जल संरक्षण की दिशा में काम करने के लिए प्रोत्साहित किया गया.
जागरूकता रैलियों का हो रहा आयोजन :धमतरी जिला प्रशासन के मार्गदर्शन में गांवों में 'जल जगार कार्यक्रम'हर रोज आयोजित किया जा रहा है. इस दिशा में ग्रामीणों को जल संरक्षण के लिए जागरूक करने के लिए कार्यक्रम के दो-तीन दिवस पूर्व रैलियां, दीवार लेखन, तालाबों व जल स्त्रोतों की सफाई आदि कार्य कर माहौल तैयार किया जा रहा है. साथ ही छोटे-छोटे वीडियो क्लिप्स भी बनाए गए हैं, जिससे जिलेवासियों को पानी का सदुपयोग करने, पानी बचाने की विधि सहित खेतों में कम पानी वाले फसलों के संबंध में जानकारी दी जा रही है. भारत सरकार ने वाटर हीरो जल प्रहरी की पदवी से सम्मानित नीरज वानखेडे भी इन कार्यक्रमों में सामिल होकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं.
शहरों में वाटर स्ट्रक्चर का कर रहे निर्माण :तालाबों में जल संरक्षण के लिए गाद निकालने, समुचित सफाई करने टीम सर्वे कर रही है. जिले के पांच नगर पंचायत क्षेत्र आमदी, भखारा, नगरी,मगरलोड एवं कुरूद नगर पंचायत क्षेत्र में विभिन्न तालाबों में गाद जमा है. इस वजह से तालाबों के पानी की गुणवत्ता और भंडारण क्षमता प्रभावित हो रही है. इन्हें साफ करने के लिए एनआईटी रायपुर की टीम सर्वे करेगी.
शहर के ड्रेनेज सिस्टम का किया गया रिव्यू :एनआईटी रायपुर की टीम धमतरी शहर के सबी 40 वार्डों से निस्तारी और वर्षा जल की निकासी के लिए ड्रेनेज सिस्टम का मूल्यांकन कर रही है. डायग्राम के जरिए धमतरी शहर में जल भराव वाले हॉटस्पॉट की पहचान करने, जल निकासी की बुनियादी ढांचे और स्टॉर्म वॉटर में सुधार के लिए व बाढ़ की स्थिति को कम एक योजना तैयार की जा रही है और सर्वे किया किया गया है. टीम आगामी कुछ दिनों में अपनी रिर्पाेट प्रस्तुत करेगी, जिसके बाद निगम कार्रवाई की जायेगी.
सामाजिक संगठनों का मिल रहा सहयोग :कलेक्टर नम्रता गांधी की इस पहल को जिले के सामाजिक और स्वयंसेवी संगठनों का पूरा सहयोग मिल रहा है. भारतीय जैन संघटना ने कुरूद ब्लॉक के ग्राम मड़ेली और जामगांव में 14 मई से 28 मई तक तालाबों को पुनर्जीवित कर जल संरक्षण किया. तालाबों से निकली मिट्टी को खेतों की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के लिए खेतों में डाला जा रहा है.