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रास्ता खोलो अभियान : सहमति और समझाइश की नीति लाई रंग, 15 दिनों में खोले 132 रास्ते, ग्रामीणों को मिली राहत

रास्ता खोलो अभियान के तहत महज 15 दिनों में प्रशासन ने 132 रास्तों को खुलवाने में कामयाबी हासिल की है.

प्रशासनिक प्रयास
प्रशासनिक प्रयास (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 7 hours ago

जयपुर. जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देशन में 15 नवंबर को शुरू हुआ "रास्ता खोलो अभियान" ग्रामीणों और आमजन के लिए राहत का कारण बन गया है. महज 15 दिनों में प्रशासन ने सहमति और समझाइश की नीति के तहत जयपुर एवं जयपुर ग्रामीण क्षेत्र में 132 बंद रास्तों को खोलने में सफलता हासिल की.

अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं अभियान की नोडल अधिकारी सुमन पंवार ने बताया कि अभियान के तहत बरसों से बंद रास्तों को खोलने से ग्रामीणों और आमजन के गांवों और खेतों तक पहुंचने का रास्ता आसान हो गया है. सबसे अधिक रास्ते जोबनेर तहसील में खोले गए, जहां 11 रास्ते खुलवाए गए, जबकि चौमूं और सांगानेर तहसील में 10-10 रास्ते खोले गए. अन्य तहसीलों में भी रास्ते खोले गए, जिनमें आमेर, आंधी, शाहपुरा, फुलेरा और माधोराजपुरा शामिल हैं.

15 दिनों में खोले 132 रास्ते (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

पढ़ें: रास्ता खोलो अभियान में जयपुर जिला प्रशासन को मिली बड़ी कामयाबी, एक ही दिन में खुलवाए 44 रास्ते

सुमन पंवार ने बताया कि इन रास्तों को खोलने के बाद अब ग्रेवेल और सी.सी. रोड बनवाने की कार्यवाही भी जल्द शुरू की जाएगी, ताकि ग्रामीणों को और अधिक सुविधा हो. साथ ही, जिन रास्तों के मामले न्यायालय में विचाराधीन हैं, वहां संबंधित न्यायालय से ही अनुतोष प्राप्त किया जाएगा. ग्रामीणों ने प्रशासन के इस अभियान की सराहना की, खासकर उन रास्तों के लिए जो दशकों से बंद थे. उन्होंने कहा कि "रास्ता खोलो अभियान" से न केवल उनकी यात्रा आसान हुई है, बल्कि यह उनके जीवन को बेहतर बना रहा है.

समझाइश की नीति लाई रंग (फोटो ईटीवी भारत जयपुर)

सुमन पंवार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में रास्तों की भूमि पर अतिक्रमण को लेकर जनसुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में परिवाद प्राप्त होते हैं. रास्तों को लेकर न्यायालय में भी वाद दायर किए जाते रहते हैं. ऐसे प्रकरणों में निरन्तर बढ़ोतरी होने से आमजन को न्यायालय के चक्कर लगाने एवं जन-धन की हानि होने के साथ-साथ क्षेत्र की कानून व्यवस्था भी प्रभावित होती है. इसलिए प्रशासन ने रास्ते सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण के लिए ‘रास्ता खोलो अभियान’ चलाने का निर्णय लिया.

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