राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

Rajasthan: जयपुर के कलाकार की रतन टाटा को अनूठी श्रद्धांजलि, परिजनों को सौंपेंगे ऑयल पेंटिंग से तैयार पोर्ट्रेट

जयपुर के पेंटर चंद्र प्रकाश गुप्ता करीब 40 सालों से कैनवास पर कलाकृतियों के साथ-साथ दुनिया भर की खास शख्सियत को उकेरे रहे हैं.

Artist Chandra prakash
जयपुर के कलाकार की रतन टाटा को अनूठी श्रद्धांजलि (Photo ETV Bharat Jaipur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 4 hours ago

जयपुर: चित्रकार चंद्र प्रकाश ने कहा कि वह रतन टाटा के किरदार से काफी प्रेरित थे और काफी दिनों से वह इस कोशिश में थे कि टाटा को श्रद्धांजलि अपनी कला के जरिए अर्पित करें. उन्होंने दिवाली के बाद रतन टाटा की ऑयल पेंटिंग बनाकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके लिए चंद्र प्रकाश गुप्ता ने सरदार पटेल मार्ग पर डेढ़ घंटे में इस पोर्ट्रेट को पूरा किया.

गुप्ता ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि इस पेंटिंग के बारे में उन्होंने टाटा परिवार को भी ईमेल के जरिए जानकारी भेजी है, जिसे समय मिलने पर वे रतन टाटा के परिजनों को भेंट करेंगे.पेंटिंग के शौक के अलावा चंद्र प्रकाश गुप्ता अपनी इस कला के जरिए वीर शहीदों को भी श्रद्धांजलि अर्पित कर चुके हैं. उनका कहना है कि 15 अगस्त या 26 जनवरी जैसे खास मौके के बिना ही वे गांव गांव और घर-घर जाकर शहीदों के परिजन को उनके वीर सपूतों के पोर्ट्रेट तोहफे में देते हैं.

जयपुर के कलाकार की रतन टाटा को अनूठी श्रद्धांजलि (ETV Bharat Jaipur)

पढ़ें: वीरों को सलाम : 25 साल से पोर्ट्रेट बनाकर शहीदों को दे रहा श्रद्धांजलि, कारगिल युद्ध से शुरू हुआ था सफर

करगिल शहीदों के परिजन को सौंपे थे गिफ्ट:चित्रकार चंद्र प्रकाश गुप्ता बताते हैं कि शहीदों के चित्रों के जरिए उन्हें पेंटिंग के फील्ड में अलग पहचान मिली थी. राजस्थान से करगिल की लड़ाई में 72 जांबाजों ने अपने प्राण न्योछावर किए थे, गुप्ता ने इन सभी के परिजन को ऑयल पेंटिंग के जरिए उनका चित्र बनाकर सौंपा था. उनका कहना है कि करगिल के बाद उनकी पेंटिंग का क्रम लगातार जारी है और वह अब तक करीब 345 पोर्ट्रेट बनाकर शहीदों के परिजन को भेंट कर चुके हैं. वे कहते हैं कि इसके लिए उन्होंने कभी दूरी की भी परवाह नहीं की.

पिता की कला को बढ़ाया आगे:चंद्र प्रकाश गुप्ता ने ईटीवी भारत को बताया कि उनके पिता बृजमोहन गुप्ता भी एक पेंटर थे, जिन्होंने 1957 में चौड़ा रास्ता में अपने स्टूडियो को स्थापित किया था. गुप्ता के पिता तब हिंदी फिल्मों के हाथ से तैयार होने वाले पोस्टर बनाया करते थे. वक्त के साथ जब फिल्मों के डिजिटल पोस्टर तैयार होने लगे तो चंद्र मोहन गुप्ता ने पोट्रेट बनाने का काम शुरू कर दिया.

ABOUT THE AUTHOR

...view details